सेना प्रतिष्ठानों में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता

सेना प्रतिष्ठानों में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता

नई दिल्ली,21 मार्च 2023-एनटीपीसी आरईएल ने भारतीय सेना के साथ निर्माण, स्वामित्व और परिचालन (बीओओ) प्रारूप पर सेना प्रतिष्ठानों में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य जटिल लॉजिस्टिक्स व जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना और कार्बनडाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी (डीकार्बोनाइजेशन) की गति को तेज करना है। इस समझौता ज्ञापन पर एनटीपीसी आरईएल के सीईओ श्री मोहित भार्गव और पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, क्यूएमजी लेफ्टिनेंट जनरल राजिंदर दीवान ने हस्ताक्षर किए।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002H00R.jpg

इस समझौता ज्ञापन के तहत चरणबद्ध तरीके से विद्युत की आपूर्ति को लेकर हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए संभावित स्थलों की संयुक्त पहचान की जाएगी। इसके अलावा एनटीपीसी आरईएल भारतीय सेना के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं (सौर, पवन आदि) का डिजाइन और विकास करने के साथ उसकी स्थापना भी करेगी।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0032AO7.jpg

यह समझौता ज्ञापन भारतीय सेना द्वारा आधुनिकीकरण के लिए एक उन्नत दृष्टिकोण और एनटीपीसी की ओर से डीकार्बोनाइजेशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में राष्ट्र की सहायता करने की प्रतिबद्धता का संकेत है। यह अपनी तरह का पहला समझौता है और देश की रक्षा पंक्ति के लिए ऊर्जा सुरक्षा से समर्थित सीमा सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करता है।

ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में भारतीय सेना के विभिन्न स्थलों को डीजी सेटों के माध्यम से विद्युत की आपूर्ति की जाती है। माननीय प्रधानमंत्री के "पंचामृत" और कार्बन न्यूट्रल लद्दाख की सोच के अनुरूप भारतीय सेना विद्युत उत्पादन व गर्मी उत्पन्न करने के लिए जीवाश्म ईंधन तथा उनके लॉजिस्टिक्स पर निर्भरता को कम करने का संकल्प रखती है।

एनटीपीसी आरईएल, एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण सहायक कंपनी है और वर्तमान में इसके पास निर्माणाधीन 3.6 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता का पोर्टफोलियो है। एनटीपीसी समूह की साल 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता प्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजना है। वर्तमान में इसकी स्थापित आरई क्षमता 3.2 गीगावाट है।

एनटीपीसी ने हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में कई पहलें की हैं। इसने गुजरात में पहले से ही पाइप्ड प्राकृतिक गैस परियोजना के साथ हाइड्रोजन सम्मिश्रण को चालू कर दिया है। इसके अलावा वर्तमान में हाइड्रोजन आधारित गतिशीलता (मोबिलिटी) परियोजना (लद्दाख व दिल्ली में) और मध्य प्रदेश में हरित मेथनॉल परियोजना को कार्यान्वित कर रही है।

Latest News

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में 'वीक विद लिजेंड्स' का उद्घाटन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में 'वीक विद लिजेंड्स' का उद्घाटन
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने अपने ग्रेजुएट इनसॉल्वेंसी प्रोग्राम (जीआईपी) के...
खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को स्वीकृति
‘कोयला और लिग्नाइट अन्वेषण योजना' को जारी रखने की मंजूरी
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थायी समिति की आठवीं बैठक दिल्ली में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित
महिलाओं से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने का आह्वान
एनएचपीसी ने महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग के साथ किया समझौता
एनटीपीसी स्कूल ऑफ बिजनेस ने भारत-स्कैंडिनेवियाई नेतृत्व सम्मेलन और कार्यशाला का किया आयोजन
विद्युत क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए माहिर लॉन्च किया जाएगा
श्वांस के स्वरूप को पहचानकर पेप्टिक अल्सर और बीमारी के चरण का निदान
पर्यावरण के प्लास्टिक प्रदूषण के लिए समाधान