आरईसी फाउंडेशन ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के 10 वर्ष पूर्ण किए

आरईसी फाउंडेशन ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के 10 वर्ष पूर्ण किए

नई दिल्ली-22 दिसंबर 2023 विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न सीपीएसई, आरईसी लिमिटेड ने 21 दिसंबर, 2023 को गुरुग्राम में आरईसी कॉर्पोरेट मुख्यालय में एक सीएसआर संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का आयोजन आरईसी लिमिटेड की सीएसआर शाखा, आरईसी फाउंडेशन के संचालन के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया। आरईसी फाउंडेशन सीएसआर से सम्‍बद्ध है और समाज पर व्‍यापक रूप से प्रभाव डालने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता देता है। इन परियोजनाओं में विशेष रूप से सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। आरईसी ने स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, शिक्षा और कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरणीय स्थिरता आदि से जुड़ी 400 से अधिक परियोजनाओं का समर्थन किया है। 1,300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का वितरण किया गया है और अब तक सीएसआर गतिविधियों के लिए 2,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

आरईसी लिमिटेड के मुख्‍य प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन के साथ निदेशक, स्वतंत्र निदेशक, आरईसी के क्षेत्रीय कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारी और आरईसी फाउंडेशन के प्रमुख हितधारकों ने संगोष्ठी में हिस्‍सा लिया। कार्यक्रम में सीएसआर गतिविधियों की उपलब्धियों, नए केन्द्रित क्षेत्रों, परियोजना कार्यान्वयन में बाधा डालने वाले कारकों, सीएसआर कार्यक्रमों में तेजी लाने से जुड़ी रणनीतियों आदि का उल्‍लेख करते हुए एक सीएसआर फिल्म की स्क्रीनिंग और आरईसी फाउंडेशन पर एक प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री देवांगन ने कहा कि वह सीएसआर समिति का नेतृत्व सम्‍भालने के लिए फाउंडेशन के स्वतंत्र निदेशक श्री मनोज पांडे, डॉ. गंभीर सिंह, निदेशक (स्वतंत्र), डॉ. दुर्गेश नंदिनी, निदेशक (स्वतंत्र) और आरईसी में सीएसआर पहल का नेतृत्व कर रहे निदेशक (वित्त) श्री अजॉय चौधरी के प्रति आभार प्रकट करते हैं। उन्‍होंने कहा कि सीएसआर संगोष्ठी का उद्देश्य ध्‍यान केन्द्रित करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की पहचान करना है। उन्‍होंने कहा कि हम ऐसे साझेदारों की तलाश कर रहे हैं, जो हमारे सीएसआर कार्यक्रमों का हिस्सा बनें और इसे आगे बढ़ाएं। उन्‍होंने कहा कि यह आयोजन समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं की पहचान करने और उन्हें लागू करने में मदद करेगा।

संगोष्ठी में आरईसी के वरिष्ठ प्रबंधन ने भाग लिया, जिसमें श्री नारायण तिरुपति, निदेशक (स्वतंत्र), श्री वीके सिंह, निदेशक (परियोजना) और निगम के अन्य कर्मचारी शामिल थे।

आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत 1969 में स्थापित एक महारत्न सीपीएसई, विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त सुविधाएं प्रदान करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज तथा ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में, आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता को बढ़ावा देते हुए सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह तथा इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) स्टील, रिफाइनरी इत्यादि विभिन्न अन्य क्षेत्रों को शामिल किया है। आरईसी ने 4.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण भी किए हैं।

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