ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौती - पीएम मोदी

G7 समिट: कनाडा के कनानास्किस में PM मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा और AI पर रखा भारत का दृष्टिकोण

ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौती - पीएम मोदी

18 जून, नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानास्किस (Kananaskis, Alberta) में आयोजित G7 समिट के आउटरीच सत्र में वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, टिकाऊ विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विषयों पर भारत का स्पष्ट, सशक्त और दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने मेज़बान देश कनाडा और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को आमंत्रण और गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।

PM मोदी ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और भारत इसे केवल प्राथमिकता नहीं बल्कि देशवासियों के प्रति जिम्मेदारी मानता है। भारत ने ‘Availability, Accessibility, Affordability और Acceptability’ के सिद्धांतों पर चलते हुए समावेशी विकास का रास्ता अपनाया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में लगभग सभी घर बिजली से जुड़ चुके हैं और प्रति यूनिट बिजली दरें दुनिया में सबसे कम हैं। भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होते हुए भी पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने वाला देश है। अब भारत 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। वर्तमान में देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 50% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से है और 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

PM मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल ब्लेंडिंग, न्यूक्लियर एनर्जी और सोलर इनिशिएटिव्स को भारत की रणनीति का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Global Biofuel Alliance, One Sun One World One Grid जैसी भारत-प्रस्तावित वैश्विक पहलों की जानकारी दी।

आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया और दोहरे मापदंडों को लेकर वैश्विक समुदाय से कठोर रुख अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और जो देश इसे समर्थन देते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी चाहिए।

तकनीक और AI पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि AI जहाँ एक ओर नवाचार का साधन है, वहीं यह ऊर्जा की खपत बढ़ाने वाली तकनीक भी है। उन्होंने टिकाऊ ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड्स और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने "भाषिणी" जैसे AI आधारित भारतीय प्रयासों का उल्लेख करते हुए टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक और जन-हितैषी बनाने पर जोर दिया।

AI से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों पर प्रधानमंत्री ने तीन सुझाव दिए— वैश्विक गवर्नेंस फ्रेमवर्क, क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग और डीपफेक पर नियंत्रण। अंत में उन्होंने सभी देशों को 2026 में भारत में होने जा रही AI Impact Summit में भाग लेने का आमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री का संबोधन "People, Planet और Progress" के मंत्र पर आधारित एक समावेशी और मानव-केन्द्रित वैश्विक सहयोग का आह्वान था।

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