मोदी सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नीलामी की व्यवस्था की-अमित शाह

2014 से पहले थी पहले आओ, पहले पाओ की नीति

मोदी सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नीलामी की व्यवस्था की-अमित शाह

नई दिल्ली -केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज नई दिल्ली में छठीखान एवं खनिज राष्ट्रीय सगोष्ठीको संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय खान,कोयला एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और केन्द्रीय खान, कोयला एवं रेल राज्यमंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में खान,खनिज और कोयला क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है। किसी भी देश के विकास की कल्पना उसके खदानों और खनिजों के लिए सटीक नीतियों के बिना हो ही नहीं सकती। इसीलिए 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर आज तक मोदी सरकार ने हमेशा इसे प्राथमिकता वाला क्षेत्र माना है।

 कहा कि खनिज क्षयशील संसाधन है और इतिहास देखें तो कई साम्राज्यों के पतन का कारण खनिजों का सही उपयोग होना था। हमें भी इसके प्रति जागरूक रहते हुए विकास में खनिज का संतुलित उपयोग करना होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि खनन और खनिज क्षेत्रों के बिना आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला और खनन क्षेत्र के सुधार और इन क्षेत्रों की आत्मनिर्भरता मूल कंडीशन है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने माइनिंग क्षेत्र में पिछले आठ सालों में बहुत सारे परिवर्तन किए हैं। 2014 की पहले आओ, पहले पाओ की नीति की जगह मोदी सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नीलामी की व्यवस्था की। इस क्षेत्र में दशकों से भ्रष्टाचार अपनी जड़ें गहरी कर चुका था, उसे मूल समेत उखाड़ने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। 2015 से 2020 के बीच नीलामी की 10 ऋंखलाएं आयोजित की गईं, 35 कोल ब्लॉक संफलतापूर्वक नीलाम किए गए। कुल 85 ब्लॉक्स आवंटित किए गए थे जिनकी उत्पादन क्षमता 440 मिलियन टन थी। जून, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यावसायिक कोल माइनिंग की शुरूआत की और एक नए युग की शुरूआत की। कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफ़डीआई का अनुमति दी, रेवेन्यू शेयर में जल्द खनन करने पर 50 प्रतिशत का फ़ायदा दिया,कोल गैसीफ़िकेशन,परित्यक्त खदानों को पुनर्जीवित करना,पीएसयू से अनयूटिलाइज़्ड ब्लॉक्स को सरेंडर कराना और प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलना जैसे कई नीतिगत बदलाव मोदी सरकार ने किए हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि 2013-14 में 566 मिलियन टन कोयले का उत्पादन था वह 2021-22 में 777 मिलियन टन तक पहुंचा और ऑफ-टेक 572 मिलियन टन था जो 818 मिलियन टन तक पहुंचा है। कैपटिव खदानों में से भी 50% तक बिक्री के लिए खोल दी गई हैं,इससे कोयला आयात की जगह देश से ही आना शुरू हुआ है। उत्पादन लागत को नीचे रखने के लिए कोल इंडिया आयातित कोयले को 82% डिस्काउंट पर कोयला उद्योगपतियों, छोटे, मंझले उद्योगों को देने का काम करता है जिसके कारण आज वैश्विक बाजार में वह लोग अपने आप को खड़ा कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फ़ंड (DMF) की स्थापना कर मोदी जी ने माइनिंग वाले क्षेत्रों में रहने वाले भाइयों बहनों को उनका अधिकार देने का काम किया है, इससे उन क्षेत्रों का समावेशी विकास होगा, DMF के अंतर्गत अब तक 63,800 करोड़ रूपए से अधिक दिए जा चुके है।

 

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