गंगा और यमुना के उफान से वाराणसी,प्रयागराज,बलिया और पटना में बाढ़
नई दिल्ली,27 अगस्त 2022-मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुयी भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश में कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। एमपी से आने वाली चंबल,केन एवं बेतवा सहित कई नदियों के कारण यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण प्रयागराज के बाद गंगा भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सबसे ज्यादा खतरा बलिया और वाराणसी में देखने को मिल रहा है।
एमपी से आने वाली चंबल,केन एवं बेतवा नदी का पानी लगातार यमुना में पहुँच रहा है। जिसके कारण औरैया,कल्पी,बांदा के चिल्लाघाट एवं प्रयागराज के नैनी में यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है। नैनी में 27 अगस्त रात 11 बजे यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर 84.73 को पार कर 85.54 मीटर पहुँच गया था।
यमुना से आ रहे पानी के कारण प्रयागराज से गंगा का जलस्तर भी खतरनाक स्तर को पार कर गया है। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर 84.73 मीटर के सापेक्ष 84.81 मीटर पहुँच गया था। वाराणसी में भी खतरनाक स्तर 71.262 मीटर के सापेक्ष 71.64 मीटर पहुँच गया है। वाराणसी के कई तटवर्ती इलाकों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी पहुँच चुका है। जिसके कारण कई क्षेत्रों में सैकड़ों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। गंगा की सहायक नदी वरुणा का भी पानी घरों में घुसना शुरू हो गया है।
वाराणसी और गाजीपुर में जहाँ गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार किया है वहीँ बलिया में स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक दिख रही है। यहां गंगा खतरे के निशान(57.61 मी) से लगभग दो मीटर अधिक स्तर(59.27 मी) पर बह रही है। बलिया में उच्च बाढ़ स्तर(60.39 मी) से मात्र एक मीटर कम रह गया है गंगा का जलस्तर।
यूपी के अलावा बिहार के पटना और भागलपुर सहित बांग्लादेश की सीमा पर मौजूद फरक्का तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पटना के गांधीघाट पर शनिवार रात 11 बजे जलस्तर खतरे के निशान 48.6 मीटर के सापेक्ष 49.13 मीटर पहुँच गया था।