सोनभद्र के चोपन बीडीओ का तबादला बना सुर्खियों में
सोनभद्र,15 सितम्बर 2022-जनपद के चोपन ब्लाक के खंड विकास अधिकारी का गुरुवार को हुआ तबादला सुर्खियों में बना हुआ है।कथित तौर पर भ्रष्टाचार के कई आरोपों से जूझ रहे बीडीओ के अचानक तबादले को रूटीन तबादले के तौर पर नही देखा जा रहा है। खासकर जब प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रवैये का दावा कर रही है,ऐसे में कथित तौर पर पांच साल के बजट का टेण्डर एक साल में निकालने वाले बीडीओ का तबादला कई संकेत दे रहा है।माना जा रहा है कि खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह के खिलाफ शासन प्रशासन से किये जा रहे पत्राचार और जांच की मांग से घबराये जिले के आला अधिकारी अपनी गर्दन फंसती देख बीडीओ को चोपन से स्थानन्तरित करके रॉबर्ट्सगंज विकास खण्ड में तैनाती दे दी है।
क्या है पूरा मामला
मामला विकास खण्ड चोपन का है। यहाँ पूर्ववर्ती जिलाधिकारी द्वारा 105 विकास कार्यो का एक बार में अनुमोदन दिया जाता है कि इस कार्य हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित कराकर कार्य संपादित कराए जायें। लेकिन पारदर्शिता को दरकिनार करते हुए इस कार्य को कई खण्डों में गुपचुप तरीके से विज्ञापित कराया गया। बार बार विज्ञापित कराने में सरकारी धन का दुरुपयोग तो हुआ ही साथ ही अपने चहेतों को कार्य देने की भी मंशा भी दिखी। इतना ही नही चार वर्षों के कार्यो का भी टेण्डर प्रकाशित कर दिया गया। जिसके पीछे विकास के लिए आने वाले धन में भारी अनियमितता करने की मंशा साफ परिलक्षित होती है।
आरोपी को ही मिल गयी जांच
विकास खण्ड में हो रही लूट पाट को रोकने के लिये जब ब्लॉक के टापू निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुनील त्रिपाठी "आदिवासी" ने जिलाधिकारी से शिकायत की गई तो मामले की जांच परियोजना निदेशक को सौंपी गई। परियोजना निदेशक ने आरोपों की जांच हेतु बीडीओ चोपन को ही जांच अधिकारी नियुक्त किया। सुनील त्रिपाठी ने बताया कि अपने ही खिलाफ जांच पूरी करके बीडीओ ने सब कुछ ओके की रिपोर्ट लगा कर अपना दामन बचा लिया। विकास खण्ड चोपन में गोलमाल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद विकास खण्ड परिसर में अवस्थित बीडीओ आवास के जीर्णोद्धार का कार्य दो वर्ष पूर्व कराया गया था लेकिन जब निवर्तमान बीडीओ का तबादला हुआ हुआ तो उन्होंने भी उसी काम के लिए लाखों रुपये खर्च किया। इसकी शिकायत होने पर भुगतान पिछले डेढ़ साल से नही हो सका है। शिकायतकर्ता सुनील"आदिवासी" ने मांग करते हुए कहा कि विकास खण्ड में सीसी रोड,पुलिया निर्माण, इंटरलॉकिंग, नाली , स्ट्रीट लाइट व दूसरे कार्यो की भी जांच की जाए तो लाखों करोड़ों के गोलमाल की सच्चाई सामने आ जायेगी।