भारत की सबसे लंबी नदी क्रूज सेवा वाराणसी और बोगीबील के बीच अगले साल से

असम के बोगीबील के विकास हेतु विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ

भारत की सबसे लंबी नदी क्रूज सेवा वाराणसी और बोगीबील के बीच अगले साल से

डिब्रूगढ़,असम,19 सितंबर 2022-केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग (एमओपीएसडब्ल्यू) तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत की सबसे लंबी नदी क्रूज सेवा अगले साल की शुरुआत में वाराणसी और बोगीबील के बीच शुरू होगी, जो गंगा, आईबीपीआर और ब्रह्मपुत्र के रास्ते 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। असम में डिब्रूगढ़ के निकट बोगीबील क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करने के दौरान उन्होंने यह बात कही।

श्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण अंतर्देशीय जलमार्गों के आर्थिक और इकोलॉजी की दृष्टि से सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स मार्ग की संभावनाओं का समुचित दोहन करने का है। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ही वह कुंजी है जिसका उपयोग हम आज यहां राष्ट्रीय जलमार्ग 2, जोकि हमारी ब्रह्मपुत्र नदी है, के सहारे असम में अंतर्देशीय जल परिवहन की विशाल क्षमता का दोहन करने के लिए कर रहे हैं। हमारी सरकार अंतर्देशीय नौवहन, नदी क्रूज पर्यटन और ब्रह्मपुत्र में उपयुक्त टर्मिनलों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त रास्ते तलाश रही है।

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केन्द्रीय मंत्री द्वारा बोगीबील और गुइजान में दो फ्लोटिंग जेट्टी के निर्माण की आधारशिला रखी गई। श्री सोनोवाल ने बोगीबील रिवरफ्रंट पैसेंजर जेट्टी का भी उद्घाटन किया। इस समारोह में केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली; भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता सहित कई गण्यमान्य उपस्थित थे।

डिब्रूगढ़ जिले के बोगीबील और तिनसुकिया जिले के गुइजान में दो फ्लोटिंग जेट्टी का निर्माण अत्याधुनिक एवं उन्नत तकनीक का उपयोग करके अत्याधुनिक टर्मिनलों के रूप में किया जाएगा। इन दोनों जेट्टी का निर्माण भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग - 2 (एन डब्ल्यू-2), जिसे ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है, पर किया जा रहा है। इस कार्य की जिम्मेदारी कोस्टल कंसोलिडेटेड स्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण) अनुबंध मोड पर दी गई है। दोनों जेट्टी का निर्माण 8.25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से होगा और इसे फरवरी, 2023 तक पूरा किया जाना है।  

 

 

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