हर घर नल परियोजना के तहत पानी आपूर्ति में पारे की मौजूदगी की समस्या सीएम दरबार में
सोनभद्र,24 सितम्बर 2022- सोनभद्र के विधायकों के प्रतिनिधिमण्डल ने नमामि गंगे परियोजना के तहत हर घर नल परियोजना में होने वाली जलापूर्ति में पारे की समस्या का हल न होने की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। जिले से समाज कल्याण राज्य मन्त्री संजीव सिंह गोंड़ के नेतृत्व में विधायकों का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री को आगामी 15 नवम्बर को आदिवासी गौरव दिवस पर जनजाति समुदाय में वितरित होने वाले पट्टा वितरण समारोह में मुख्यमंत्री को आमंत्रित करने पहुंचा था।
विधायको के प्रतिनिधिमण्डल ने सोनभद्र में चल रही नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री को देते हुए बताया कि जिले के जल स्रोतों में पारा, कैडमियम शीशा जैसे विषैले और भारी धातु की उपस्थिति का काफी पहले ही पता चल चुका है और इसके शोधन की कोई व्यवस्था नही की जा रही है। गौरतलब हो कि सूबे के बुंदेलखंड बौर विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत नमामि गंगे परियोजना चलाई जा रही है इस परियोजना के तहत हर घर नल योजना में 5500 करोड़ रुपये से अधिक व्यय करके लाखो परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है।ईस योजना के तहत विंध्य क्षेत्र के तीनों जनपद सोनभद्र और मिर्जापुर जनपद में कुल 2800 से अधिक गांवों में बांध और झील के पानी को शुद्ध करने के लिये फिल्टर प्लांट लगाकर पाइप के माध्यम से जल आपूर्ति की योजना बनाई गई है।
पारे के शोधन की व्यवस्था देश मे नहीं
मुख्यमंत्री योगी से जिन भारी धातुओं के शोधन न होने की शिकायत विधायकों के प्रतिनिधिमण्डल ने की है उसकी व्यवस्था देश मे उपलब्ध ही नही है।जानकर बताते है कि सिंगरौली परिक्षेत्र में अवस्थित सोनभद्र और सिंगरौली जनपद में स्थित बिजलीघरों , कोयला खदानों व दूसरे कारखानों से निकलने वाले उत्सर्जन से यहां के भूमिगत और सतही जल में मरकरी , कैडमियम , लेड, फास्फोरस, लोहा जैसे भारी धातुओं को मात्रा मानक से कई गुना खतरनाक स्तर तक बढ़ गयी है। सबसे चौकाने वाली बात है कि इन धातुओ के जल से शोधन की व्यवस्था भारत मे है ही नही इसके लिये हमें विदेशी तकनीकी और आश्रित होना पड़ेगा।