भारत के युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने पर दो दिवसीय राष्ट्रीय विचार-मंथन सत्र

भारत के युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने पर दो दिवसीय राष्ट्रीय विचार-मंथन सत्र

वाराणसी-भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी और आईएनवाईएएस ने संयुक्त रूप से 24 और 25 जनवरी 2023 को "भारत के युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने पर राष्ट्रीय विचार-मंथन सत्र" का आयोजन किया, ताकि वर्तमान अनुसंधान इकोसिस्टम में भारत के युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने के अवसरों को अपनाया जा सके। यह कार्यक्रम सीनेट हॉल, स्वतंत्रता भवन, बीएचयू, वाराणसी में आयोजित किया गया। पीएसए कार्यालय द्वारा युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने की पहल के हिस्से के रूप में दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की अगली पीढ़ी (≤45 वर्ष) को मार्गदर्शन और सशक्त बनाने के लिए एक नए नीति दस्तावेज पर इनपुट एकत्र करना था, जो देश में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी नेतृत्व को उत्कृष्ट बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

24 जनवरी 2023 को आयोजित उद्घाटन सत्र डॉ. (श्रीमती) परविंदर मैनी, वैज्ञानिक सचिव, पीएसए कार्यालय और डॉ. प्रमोद के. जैन, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी की उपस्थिति में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि, प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडे, निदेशक, आईयूएसी, नई दिल्ली ने 25 जनवरी 2023 को समापन भाषण दिया। 2 दिवसीय सत्र का समन्वय डॉ. मोनोरंजन मोहंती, सलाहकार/वैज्ञानिक 'जी', पीएसए कार्यालय द्वारा किया गया और इसका आयोजन प्रोफेसर संजय कुमार शर्मा, खनन इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी द्वारा किया गया। इस विचार-मंथन सत्र में विभिन्न मंत्रालयों, शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, आईआईटी, केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के मुख्य वक्ता, पैनल विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये।

Description: C:\Users\Dr M Mohanti\Downloads\WhatsApp Image 2023-01-29 at 10.56.29 AM.jpeg

शोध और शिक्षा से संबंधित 7 प्रमुख विषयों, यानि अनुसंधान में आसानी/अनुसंधान करने की सुविधा; अंतर-विषय और बहु-विषय आधारित अनुसंधान के अवसर; अनुसंधान नैतिकता; कार्यस्थल की चुनौतियाँ और परिवार का समर्थन; शिकायत निवारण और अनुसंधान को प्रोत्साहन; प्रदर्शन मानदंड और पदोन्नति नीति तथा कैरियर में प्रगति के अवसर और क्षमता निर्माण आदि पर विचार-विमर्श किया गया। प्रतिभागियों ने अपने अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं को साझा किया और विशेष रूप से युवा वैज्ञानिकों की आशंकाओं को दूर करने के लिए समाधान भी सुझाए।

विचार-मंथन सत्र के निष्कर्ष और सिफारिशें; भारत में युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने के लिए पीएसए, भारत सरकार के कार्यालय द्वारा तैयार किए जा रहे एक नीति दस्तावेज के लिए इनपुट सिद्ध होंगी।

Related Posts

Latest News

रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई
सोनभद्र-अनपरा बिजलीघर की पांच सौ मेगावाट क्षमता की जनरेटर में तकनीकी खराबी आने से बीते 10 नवंबर को बंद हुई...
वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान