आदि शौर्य कार्यक्रम का समापन

आदि शौर्य कार्यक्रम का समापन

नई दिल्ली,24 जनवरी 2023-केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा तथा रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आदि शौर्य पर्व के समापन दिवस की शोभा बढ़ाई। आयोजन के दूसरे दिन 50,000 से अधिक दर्शकों की भारी भीड़ ने यहां पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय तटरक्षक बल के साथ समग्र साझेदारी में "आदि शौर्य - पर्व पराक्रम का" आयोजन के दूसरे दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जन्म जयंती (पराक्रम दिवस) को समर्पित किया गया। इस उपलक्ष्य में सशस्त्र बलों के शानदार प्रदर्शन और रंग-बिरंगे परिधानों से सजे आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य प्रस्तुतियों ने वहां उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001B1VW.jpg
 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002EQTH.jpg



इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने आदि शौर्य उत्सव के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि भारत की स्वतंत्रता एक नए भारत के निर्माण के लिए हमारे नायकों का सपना था, एक ऐसा भारत बनाना जहां पर गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासी लोगों सहित सभी को समान अवसर उपलब्ध कराए जाते हों।"

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आदिवासियों के कल्याण तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और इसके अत्यधिक उत्साहजनक परिणाम दर्ज किए गए हैं। नतीजतन, आदिवासी लोग अब जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रमुखता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदि शौर्य इसी कड़ी का हिस्सा हैं, क्योंकि इस समारोह के माध्यम से देश के लोगों ने आदिवासी संस्कृति और विरासत की झलक देखी है।

श्री मुंडा ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग भारत पर्व में भी भाग लेंगे और अद्वितीय जनजातीय संस्कृति तथा विरासत को प्रदर्शित करेंगे।



https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003FMST.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004UU13.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005C68C.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image006BQE9.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image007ZPDP.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image008M19M.jpg




आदि शौर्य कार्यक्रम के दूसरे दिन लोगों से शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिली और इस आयोजन ने दर्शकों के एक विशाल वर्ग को आकर्षित किया, क्योंकि जनजातीय नृत्य तथा सैन्य संगीतमय प्रस्तुति ने कई प्रदर्शनों के माध्यम से वहां उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस उत्सव में सैन्य एवं जनजातीय समुदायों द्वारा देश भर से भारत की विविध जनजातीय संस्कृतियों की सुंदरता को उजागर करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत के संदेश को बढ़ावा देने तथा सैन्य प्रस्तुति में सशस्त्र बलों की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए ऊर्जा से भरे हुए कई सजीव प्रदर्शन किये गए थे। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के छात्रों ने भी अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों की भारी उपस्थिति के साथ-साथ बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम को ऑनलाइन देखा। यह कार्यक्रम आयोजन के पहले दिन ट्विटर पर दूसरे स्थान पर ट्रेंड कर रहा था।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image009DSF7.jpg
 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image010L8ZJ.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image011GFAV.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image012RLWP.jpg
 

 

मध्य प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, लद्दाख और अन्य राज्यों के जनजातीय नृत्य मंडलों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाले जोशपूर्ण नृत्यों का प्रदर्शन किया। स्टेडियम में उपस्थित दर्शक हिमाचल प्रदेश के गद्दी नाटी, गुजरात के सिद्धि धमाल, लद्दाख के बाल्टी नृत्य शैली, जम्मू और कश्मीर के मंघो नृत्य, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया छाऊ तथा कई अन्य उत्कृष्ट नृत्य विधाओं के साक्षी बने।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image013ZHEG.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image014L04U.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image015NXXX.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image016V4NS.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0177P0S.jpg




26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस परेड में आदिवासी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी दिखाई जाएगी।

पद्म श्री और प्रसिद्ध पार्श्व गायक श्री कैलाश खेर ने अपनी मोहक एवं सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल के गणमान्य व्यक्तियों और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस विशेष अवसर की शोभा बढ़ाई।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0184W4V.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image019E48R.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image020WZ3U.jpg

Related Posts

Latest News

रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई
सोनभद्र-अनपरा बिजलीघर की पांच सौ मेगावाट क्षमता की जनरेटर में तकनीकी खराबी आने से बीते 10 नवंबर को बंद हुई...
वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान