डॉ. जी. एन. रामचंद्रन की जन्म शताब्दी पर प्रोटीन की संरचना-क्रियाविधि संबंधों का पुनरावलोकन

डॉ. जी. एन. रामचंद्रन की जन्म शताब्दी पर प्रोटीन की संरचना-क्रियाविधि संबंधों का पुनरावलोकन

बड़ौदा, गुजरात- महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में जैव रसायन विभाग ने "डॉ. जी. एन. रामचंद्रन (2023) की जन्म शताब्दी पर प्रोटीन उत्सव के आयोजन" पर ऑफ़लाइन मोड में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। वह प्रोटीन संरचना के क्षेत्र में एक अग्रणी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने कोलेजन और रामचंद्रन क्षेत्रों की संरचना की खोज के साथ संरचनात्मक जीव विज्ञान के क्षेत्र में जैसे कपाट ही  खोल दिए। जी एन रामचंद्रन के जन्म शताब्दी समारोह के दौरान विज्ञान में उनकी अनूठी खोज और उत्कृष्ट उपलब्धियों को याद करने का आह्वान किया गया है ।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित, ग्लोबल लीडर्स फाउंडेशन के "मिलेनियम लीडर ऑफ एशिया" और गुजरात कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एम.एच.मेहता ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई । प्रभारी डीन प्रो के मुरलीधरन ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर सी रत्न प्रभा, संयोजक और प्रमुख, जैव रसायन विभाग ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया और सम्मेलन के विषय और इसके उद्देश्यों का उल्लेख किया। जैव रसायन (बायोकैमिस्ट्री) विभाग (एबीसीडी) के पूर्व छात्र संघ की सचिव प्रो पुष्पा रॉबिन ने पूर्व छात्र संघ की गतिविधियों की जानकारी दी। सम्मेलन में भारत और विदेशों के प्रख्यात वैज्ञानिकों की एक सराहनीय सूची है ।

उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न विषयों पर पूर्ण सत्र हुए। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रो किनी मंजूनाथ ने मुख्य भाषण दियाI उन्होंने सर्पों  एवं अन्य जन्तुओं  के प्रोटीन और पेप्टाइड विषाक्त पदार्थों पर अपने शोध के कई चिकित्सा अनुप्रयोगों के विकास पर बात की। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलूरू की आणविक जीव विज्ञान इकाई (एमबीयू) के अध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ पी.सरमा ने परमाणु चुम्बकीय अनुनाद (न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस - एनएमआर) स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करके प्रोटीन के संरचनात्मक लाक्षणिक  वर्णन पर चर्चा  की। जैवरसायन (बायोकैमिस्ट्री) विभाग के प्रोफेसर और कार्यकारी संपादक इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी) सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, नई दिल्ली के कार्यकारी सम्पादक   डॉ डीएन राव ने पेप्टिक अल्सर और गैस्ट्रिक कैंसर पैदा करने के लिए उत्तरदायी हेलिकोबैक्टर पाइलोरी  एंजाइम की घातकता  पर एक व्याख्यान दिया। बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, ह्यूस्टन, अमेरिका (यूएसए) के प्रोफेसर बी.वी. प्रसाद ने अपनी पीएच.डी के लिए स्वयम को डॉ. जी एन रामचंद्रन के साथ जोड़ा था। उन्होंने मानव रोटावायरस की प्रतिकृति और मोर्फोजेनेसिस के संरचनात्मक तंत्र पर व्याख्यान दिया। यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो, यूएसए के डॉ. डेविड हेपनर ने म्यूटेंट एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर्स (ईजीएफआर) के लिए औषधियों के डिजाइन और विकास पर बात की। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो अलो नाग ने पेप्टाइड्स के साथ एचपीवी प्रेरित कैंसर थेरेपी के लिए ऑन्कोजेनिक इंटरेक्शन को बाधित करना - एचपीवी प्रेरित कैंसर थेरेपी के लिए रणनीति पर एक वार्ता प्रस्तुत की I टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी, यूएसए से डॉ विशाल एम गोहिल और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) मोहाली के प्रोफेसर पी गुप्ता शर्मा तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर से डॉ. शरद गुप्ता ने प्रोटीन के बुनियादी पहलुओं और मानव रोगों के लिए उनकी प्रासंगिकता पर बातचीत की I

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों और वैज्ञानिकों को युवा जांचकर्ताओं और उभरते वैज्ञानिकों से प्राप्त पोस्टर और मौखिक प्रस्तुतियों पर निर्णय देने के लिए विशेषज्ञों के एक पैनल के रूप में आमंत्रित किया गया था। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर से वरिष्ठ वैज्ञानिक और संपादक इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी) डॉ. एन के प्रसन्ना, प्रोफेसर डीएन राव कार्यकारी संपादक, इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली, प्रोफेसर बीवीवी प्रसाद बायलर कॉलेज, ह्यूस्टन संयुक्त राज्य अमेरिका, एनयूएस, सिंगापुर से किनी मंजुनाथ और बफेलो यूएसए विश्वविद्यालय के डेविड हेप्पनर ने पोस्टर और मौखिक प्रस्तुतियों पर  अपना निर्णय दिया ।

मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के परिणामों की घोषणा के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। गुजरात विज्ञान अकादमी, अहमदाबाद, गुजरात द्वारा प्रायोजित नकद पुरस्कार अनुसंधान विद्वानों द्वारा प्रस्तुत सर्वश्रेष्ठ पोस्टर और युवा जांचकर्ताओं द्वारा मौखिक प्रस्तुतियों से सम्मानित किया गया। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी), गुजरात राज्य जैव प्रौद्योगिकी (स्टेट बायोटेक्नोलॉजी) मिशन, द एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, सोसाइटी ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट्स (एसबीसी), भारत और गुजरात विज्ञान अकादमी ने इस सम्मेलन को प्रायोजित किया है ।

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