हड़ताल के बीच मौसम के करवट में बिजली की मांग ने लगाया गोता

बिजली की मांग में 7000 मेगावाट से ज्यादा की कमी

हड़ताल के बीच मौसम के करवट में बिजली की मांग ने लगाया गोता

नई दिल्ली,18 मार्च 2023-उत्तर प्रदेश में विद्युतकर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल ने प्रदेश के कई जनपदों में ख़ासा प्रभाव डाला है। प्रदेश सरकार और विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच सामजस्य नहीं बन पाने के कारण हड़ताल खत्म नहीं हो पा रही है।हड़ताल के कारण अभी तक राज्य विधुत उत्पादन निगम की कुल 1900 मेगावाट से ज्यादा क्षमता की 8 इकाइयां बंद करनी पड़ी हैं। इसके अलावा सैकड़ों उपकेंद्र काम करना बंद कर चुके हैं। कई जगहों पर 24 घंटे से ज्यादा समय से बिजली गुल है। जिसके कारण आम जनता ने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बहरहाल सरकार और विद्युतकर्मियों के बीच जारी तनातनी में मौसम बदलाव ने सरकार सहित प्रदेश की जनता को काफी राहत दिया है।

बिजली की मांग सात हजार मेगावाट कम हुयी  

 प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश के साथ तापमान में आयी भारी कमी ने बिजली की मांग को गोता लगाने को मजबूर किया है। 16 मार्च से विद्युतकर्मियों की हड़ताल शुरू होने से कई घंटे पहले ही प्रदेश के तापमान में कमी दर्ज होना शुरू हो गया था।15 मार्च को जहाँ अधिकतम मांग 19 हजार मेगावाट से ज्यादा दर्ज की जा रही थी वहीँ 18 मार्च को यह 12 हजार मेगावाट से भी नीचे चला गया है। न्यूनतम मांग में भी पांच हजार मेगावाट तक की कमी हुयी है।    

21 मार्च तक बारिश के आसार 

यूपी सहित उत्तरी भारत के कई प्रदेशों में मौसम की करवट 21 मार्च तक जारी रहेगी। 18 मार्च को यूपी के कई जनपदों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया था। मौसम विभाग के अनुसार 16 मार्च से शुरू हुयी बारिश 21 मार्च तक जारी रहेगी। 17 और 18 मार्च को प्रदेश में सामान्य से 1000 फीसद से ज्यादा बारिश दर्ज की गयी है।इसी कारण बिजली की मांग लगातार गोता लगा रही है।    

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