सरकार बायोमास को-फायरिंग नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध

सरकार बायोमास को-फायरिंग नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध


नई दिल्ली,23 मार्च 2023-विद्युत मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन (समर्थ) और राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई)  के तत्वावधान में आज नई दिल्ली में बायोमास "3पी-पेलेट टू पावर टू प्रॉस्पेरिटी" पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का उद्देश्य भारत में ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास पेलेट्स की को-फायरिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ बायोमास आपूर्ति को मजबूत करने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करने के लिए क्षेत्र में सभी हितधारकों के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करने के लिए एक सक्षम ईकोसिस्टम के वातावरण को प्रोत्साहन देना था।

विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आलोक कुमार सचिव (ऊर्जा), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष, एम.एम. कुट्टी, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम के मुख्य महाप्रबंधक गुरदीप सिंह, सुदीप नाग (मिशन निदेशक समर्थ) और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया। 

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गुर्जर ने कहा कि सम्मेलन सभी हितधारकों को एक आम मंच पर लाने के लिए एक प्रमुख पहल थी और इससे किसान से लेकर पेलेट निर्माताओं सहित ताप विद्युत संयंत्र तक सभी को लाभ होगा, इसके अलावा विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्दी के मौसम में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि बायोमास को-फायरिंग नीति बिजली क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री गुर्जर नी कहा, “भारत ने वर्ष 2030 की समय सीमा से 9 वर्ष पहले ही सीओपी ’21 के गैर-जीवाश्म आधारित उत्पादन क्षमता लक्ष्य हासिल कर लिए थे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी '26 में वर्ष 2070 तक भारत के कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर तक कम करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। भारत हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रहा है।'' उन्होंने कहा कि सरकार बायोमास पेलेट निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। श्री गुर्जर ने कहा कि अभी तक लगभग 1 लाख मीट्रिक टन बायोमास को 41 से अधिक ताप विद्युत केन्द्रों से जोड़ा जा चुका है, जिसके और बढ़ने की आशा है।

विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार ने ताप विद्युत संयंत्र (समर्थ) में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि काफी काम करने की आवश्यकता है क्योंकि प्रतिस्पर्धी ईंधनों का विकास का लंबा इतिहास रहा है और एक अच्छी तरह से स्थापित मजबूत आपूर्ति श्रृंखला है। उन्होंने राज्य नियामक निकायों, राज्य उत्पादन कंपनियों और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) से बायोमास पैलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहन देने का आग्रह करते हुए कहा कि कई लाभों के बावजूद, बायोमास पैलेट्स के अधिक से अधिक उपयोग के लिए इन निकायों की ओर से एक जड़ता थी। श्री आलोक कुमार ने कहा कि मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में राज्य नियामक निकायों को पत्र लिखेगा। ऊर्जा सचिव ने पेलेट आपूर्तिकर्ता/निर्माताओं और ताप विद्युत केन्द्रों, जो बायोमास पेलेट उपयोगकर्ता हैं, के बीच कुशल आपूर्ति-मांग संपर्क के लिए एक मध्यस्थ एजेंसी को एक पुल के रूप में सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

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सम्मेलन में मंत्रालयों, नियामक निकायों, वित्तीय संस्थानों, ताप विद्यूत संयंत्रों, पेलेट निर्माताओं, उद्यमियों, ओईएम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि उत्पादक संघ, सीबीबीओ, किसान संगठनों आदि के लगभग 300 व्यक्तियों ने भाग लिया।

बायोमास कृषि अवशेषों को पैलेट में बदलने और उन्हें ताप विद्युत संयंत्रों में को-फायर करने से न केवल पर्यावरण को पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों से बचाने की आशा है, बल्कि बिजली उत्पादन में आयातित कोयले पर देश की निर्भरता को कम करने और किसानों और छोटे उद्यमियों की कमाई वृद्धि करने की संभावना में भी योगदान देता है।

 

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