योगी कैबिनेट ने 1600 मेगावाट की ओबरा डी को स्वीकृति दी

योगी कैबिनेट ने 1600 मेगावाट की ओबरा डी को स्वीकृति दी

फोटो-ओबरा परियोजना कालोनी

लखनऊ/सोनभद्र -उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में बहु प्रतीक्षित ओबरा डी को मंजूरी दे दी गयी है। ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट की दो अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाइयों की स्थापना की जायेगी।  संयुक्त उपक्रम के तहत एनटीपीसी के साथ यूपी सरकार दोनों इकाइयों की स्थापना करेगी।दोनों इकाइयों की स्थापना में लगभग 17 हजार 985 करोड़ की लागत आने की सम्भावना है।जानकारी के अनुसार पहली इकाई की स्थापना में 50 महीने तथा दूसरी इकाई में 56 महीने लगने की सम्भावना है।पिछले छह वर्षों के दौरान योगी सरकार द्वारा मंजूरी मिलने वाली ये पहली इकाइयाँ हैं
 
पांच वर्षों से चल रही प्रक्रिया `
उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम की सबसे पुरानी ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट वाली दो इकाइयों की स्थापना के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की प्रक्रिया पिछले चार वर्षों से चल रही है।एनटीपीसी द्वारा डीपीआर के लिए जियो टैग इन्वेस्टिंग का कार्य भी पूरा हो चुका है।  योजना के तहत परियोजना कॉलोनी के सभी सेक्टरों का टोपोग्राफिकल सर्वे हो चुका है।उत्पादन निगम द्वारा परियोजना कालोनी के सेक्टर 1,2,3,4,8 एवं 9 का टोपोग्राफिकल सर्वे कराया गया है। इस सर्वे का उपयोग प्रस्तावित ओबरा डी के लिए बनाये जाने वाले फिजिबिलिटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में किया जा रहा है।
 
कई आवासीय सेक्टर होंगे खत्म 
ओबरा डी की स्थापना को लेकर बढ़ती प्रक्रिया को देखते हुए तय हो गया है कि ओबरा आवासीय कालोनी के नक्शे में पुनः परिवर्तन होगा। निर्माणाधीन ओबरा सी के कारण ओबरा कालोनी के सेक्टर पांच,छह एवं सात सहित सेक्टर तीन का बड़ा हिस्सा खत्म हो गया था।  अब ओबरा डी के कारण सेक्टर एक,दो,तीन के साथ अन्य सेक्टरों पर अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है। ये सभी सेक्टर कालोनी के सबसे बड़े सेक्टर हैं। इन सेक्टरों के खत्म होने पर ओबरा कालोनी का 50 फीसद से ज्यादा हिस्सा पूरी तरह बदल जाएगा। ओबरा डी की स्थापना के लिए बनाये जा रहे डीपीआर में सेक्टर एक में मौजूद सीजीएम आवास रोड के उत्तर में वीआईपी अतिथि गृह तक पड़ने वाला हिस्सा खत्म होने की संभावना है। इसके अलावा सेक्टर दो और तीन पूरी तरह खत्म हो जाएगा। 

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