आरईसी को 'विविधता और समावेश में सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता' पुरस्कार

आरईसी को 'विविधता और समावेश में सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता' पुरस्कार

नई दिल्ली-आरईसी लिमिटेड, विद्युत् मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक महारत्न सीपीएसई है जिसे गुरुवार को एसोचैम द्वारा आयोजित चौथे विविधता और समावेश उत्कृष्टता पुरस्कार एवं सम्मेलन में 'विविधता और समावेश में नीतियों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आरईसी के कार्यकारी निदेशक, टीएससी बोश ने आरईसी की ओर से इस पुरस्कार को विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया।

इस पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय मंच पर विविधता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए आरईसी की अटूट प्रतिबद्धता को मान्यता प्रदान किया गया। यह सम्मान पारंपरिक मानदंडों से अलग समावेशी नीतियों को तैयार करने में आरईसी की अनुकरणीय प्रथाओं को प्रमाणित करता है। अपने कार्यबल में विविधता लाने के लिए कंपनी का समर्पण इसकी विचारशील नीतियों में प्रतिबिंबित होता है, जिससे उद्योग में एक सराहनीय मानक स्थापित होता है।

श्री बोश ने कहा “हम इस पुरस्कार को प्राप्त करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो आरईसी के समावेशिता के लोकाचार और विविधता को बढ़ावा देने वाले कार्यस्थल का निर्माण करने वाली हमारी कोशिशों को दर्शाता है। यह सम्मान हमें अपने संगठन के हर पहलू में विविधता और समावेश की निरंतरता को कायम रखने के लिए प्रेरित करता है।”

'विविधता और समावेश में नीतियों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता' पुरस्कार एक ऐसे कार्यस्थल का निर्माण करने में आरईसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो विभिन्नता का जश्न मनाता है, नवाचार को बढ़ावा देता है और सभी कर्मचारियों के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देता है।

आरईसी के मानव संसाधन क्षेत्र में अनुकूल नीतियां और अनुकूल कर्मचारी उपलब्ध हैं और उन्होंने इस मील के पत्थर की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हाल ही में, आरईसी को 'गोल्डन पीकॉक अवार्ड' से सम्मानित किया गया और जोखिम प्रबंधन में उसके असाधारण प्रदर्शन को मान्यता प्रदान की गई। यह पुरस्कार इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, कंपनी को डन एंड ब्रैडस्ट्रीट पीएसयू अवार्ड्स 2023 में वित्तीय सेवा श्रेणी में 'सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय पीएसयू' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आरईसी लिमिटेडविद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक महारत्न सीपीएसई है, जिसकी स्थापन 1969 में हुई थी। यह विद्युत अवसंरचना क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादनट्रांसमिशनवितरणनवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनबैटरी स्टोरेजहरित हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता प्रदान की है, जिसमें सड़क एवं एक्सपे्रसवेमेट्रो रेलहवाई अड्डाआईटी संचारसामाजिक एवं वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थानअस्पताल)बंदरगाह एवं इस्पातरिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी की लोन बुक 4,74,275 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

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