राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023 वितरित किये

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023 वितरित किये

नई दिल्ली-राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 के अवसर पर आज भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ऊर्जा संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार 2023 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने ऊर्जा दक्षता का संदेश फैलाने के लिए पुरस्कार विजेताओं और पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेता छात्रों की भी सराहना की। सरकार, उद्योग, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और स्कूली बच्चों की सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी का स्वास्थ्य और खुशी प्रकृति के संरक्षण और अच्छे स्वास्थ्य में निहित है। यदि हम उपलब्ध संसाधनों का इष्टतम उपयोग करते हैं, तो प्रकृति और धरती माता पर अनावश्यक दबाव डाले बिना सभी की ऊर्जा और अन्य ज़रूरतें पूरी हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि इष्टतम उपयोग के साथ-साथ सभी हितधारकों को ऊर्जा दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देना होगा। ऊर्जा बचत के उपायों को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा उत्पादन है - यह संदेश बहुत उपयोगी है। उन्होंने सभी से इस संदेश को फैलाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।

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राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी में विश्व समुदाय को ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए निरंतर सक्रिय रहना होगा। हमें पवन, सौर और लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना होगा। अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने के साथ-साथ हमें कम संसाधनों से अधिक ऊर्जा उत्पादन के प्रयास भी करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्थिरता प्रयासों में ट्रिपल बॉटम लाइन की अवधारणा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। किसी भी व्यवसाय से न केवल आर्थिक लाभ होना चाहिए बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ भी होना चाहिए।

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केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि उद्योग और अन्य हितधारकों के समर्पित प्रयास देश में ऊर्जा संरक्षण आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीईई के कार्यक्रम जैसे परफॉर्म अचीव ट्रेड और स्टार लेबलिंग प्रोग्राम विश्व-अग्रणी कार्यक्रम रहे हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन में पर्याप्त कमी आई है और भारत को अपने जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिली है। “भारत ऊर्जा परिवर्तन में एक नेता के रूप में उभरा है, जो दुनिया के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। जलवायु परिवर्तन एक निकट, स्पष्ट और वर्तमान खतरा है। भारत की जनसंख्या विश्व जनसंख्या का लगभग 17% है, और फिर भी, विरासत कार्बन डाइऑक्साइड भार में हमारा योगदान केवल 4% है। 80% कार्बन डाइऑक्साइड भार विकसित देशों द्वारा उत्सर्जित किया गया था।

भारत का प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस उत्सर्जन वैश्विक औसत का एक तिहाई है। हमने पेरिस में COP21 में कहा था कि वर्ष 2030 तक हमारी 40% बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से होगी; हमने यह लक्ष्य 2021 में हासिल किया। हमने प्रतिज्ञा की थी कि हम 2030 तक अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 33% तक कम कर देंगे, हमने इसे 2019 में हासिल किया। इसका एक बड़ा श्रेय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो को जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत अपनी कुल बिजली क्षमता का 65% गैर-जीवाश्म-ईंधन से प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा, हम एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था हैं जिसकी जलवायु कार्रवाई वैश्विक तापमान में 2 डिग्री से कम वृद्धि के अनुरूप है।

 

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