4,000 मेगावाट घंटे की क्षमता वाली बीईएसएस के विकास के लिए वीजीएफ योजना को स्वीकृति

4,000 मेगावाट घंटे की क्षमता वाली बीईएसएस के विकास के लिए वीजीएफ योजना को स्वीकृति

नई दिल्ली- केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आरके सिंह ने जानकारी दी है कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की वृद्धि दर विगत 5 वर्षों में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक रही है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 40 गीगावॉट छत पर सौर ऊर्जा (आरटीएस) प्राप्त करने के उद्देश्य से 08.03.2019 को रूफटॉप सोलर प्रोग्राम चरण-II का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करके आवासीय क्षेत्र में 4,000 मेगावाट आरटीएस क्षमता की स्थापना को परिकल्पित करता है। सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए स्वीकार्य केंद्रीय वित्त सहायता (सीएफए) प्रथम 3 किलोवाट आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 14,588/किलोवाट और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 7,294/किलोवाट है। विशेष श्रेणी के राज्यों (उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) के लिए, स्वीकार्य सीएफए प्रथम 3 किलोवाट आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 17,662/किलोवाट और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 8,831/किलोवाट है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन/ग्रुप हाउसिंग सोसायटी (आरडब्ल्यूए/जीएचएस) भी सामान्य सुविधाओं में अधिकतम 500 किलोवाट क्षमता तक आरटीएस स्थापना के लिए सीएफए का लाभ उठाने के पात्र हैं। आरडब्ल्यूए/जीएचएस के लिए स्वीकार्य सीएफए सामान्य श्रेणी के राज्यों में रुपए 7,294/किलोवाट और विशेष श्रेणी वाले राज्यों में रुपए 8,831/किलोवाट है।

चरण-II रूफटॉप सोलर (आरटीएस) प्रोग्राम का वित्तीय परिव्यय 11,814 करोड़ रुपये है, जिसमें 6,600 करोड़ रुपये सीएफए और वितरण कंपनियों को 4,985 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। कार्यक्रम के लिए प्रारंभ में अनुमोदित वित्तीय परिव्यय में परिवर्तन किए बिना प्रोग्राम को 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है।

सौर, पवन और पनबिजली सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा उत्पादन में अंतर्निहित मौसम के अनुसार विभिन्नता है। इन स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा उत्पादन में विविधता मानार्थ विशेषताओं को दर्शाती है, जैसे कि मानसून के महीनों में सौर ऊर्जा उत्पादन कम हो जाता है, जब पवन और जल विद्युत उत्पादन अधिक होता है। समग्र परिवर्तनशीलता को कम करने के लिए विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है।

इसी के अनुसार, भारत सरकार की नीतियां और कार्यक्रम विभिन्न स्रोतों के हाइब्रिड संयोजनों सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का समर्थन करते हैं।

विभिन्न वितरण कंपनियों द्वारा बताया गया है कि संचयी रूफ टॉप सोलर (आरटीएस) स्थापित क्षमता 31.03.2019 को 1.8 गीगावॉट से बढ़कर 30.11.2023 तक 10.4 गीगावॉट हुई। आरटीएस स्थापनाओं की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) लगभग 46 प्रतिशत है। 

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