प्रधानमंत्री ने 7400 करोड़ रुपये लागत की विधुत परियोजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास
नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'विकसित भारत विकसित राजस्थान' कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने 17,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं सड़क, रेल, सौर ऊर्जा, विद्युत ट्रांसमिशन, पेयजल और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने राजस्थान में लगभग 5300 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण सौर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर में बरसिंगसर थर्मल पावर स्टेशन के पास स्थापित होने वाली 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना, एनएलसीआईएल बरसिंगसर सौर परियोजना की आधारशिला रखी। इस सौर परियोजना को आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप भारत में निर्मित उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल मॉड्यूल से युक्त नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने सीपीएसयू योजना चरण- II (ट्रांच -III) के तहत एनएचपीसी लिमिटेड की 300 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखी, जिसे राजस्थान के बीकानेर में विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर में विकसित 300 मेगावाट की एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड नोखरा सौर पीवी परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। यह सौर परियोजनाएं हरित विद्युत सृजन, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को संतुलित करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय विद्युत ट्रांसमिशन क्षेत्र की परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। ये परियोजनाएं राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली की निकासी के लिए हैं ताकि इन क्षेत्रों में सौर विद्युत सृजन को लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके। इन परियोजनाओं में चरण- II भाग ए के तहत राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों (8.1 गीगावॉट) से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत बनाने की योजनाओं में चरण-II भाग-बी1 के तहत राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों (8.1 गीगावॉट) से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत बनाने की योजना; बीकानेर (पीजी), फतेहगढ़-II और भादला-II में आरई परियोजनाओं से कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का सृजन शामिल है।