परिवहन के माध्यम से परिवर्तन को करना है साकार
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू ने कर्नाटक में भारत की ब्लू इकॉनमी को आगे बढ़ाने वाले विचारों एवं नवाचारों पर चर्चा तथा विचार विमर्श करने के लिए तीन दिवसीय चिंतन बैठक का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग (पीएसडब्ल्यू) तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने की। इस दौरान केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद नाइक और शांतनु ठाकुर भी उपस्थित थे; इस तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र के दौरान विचार-विमर्श में हिस्सेदारी के लिए सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों, एमओपीएसडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
इस अवसर पर श्री सोनोवाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण तटीय क्षेत्रों के विकासकार्य को आगे बढ़ाना,तटीय बुनियादी ढांचे में सुधार करना और समुद्री अर्थव्यवस्था की संरक्षित करना तथा इसे बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों का उद्देश्य ब्लू इकॉनमी में बदलाव लाना और 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' के पीछे के स्वप्न को साकार करना है। श्री सोनोवाल ने कहा,एक आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए यह जरूरी है कि भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था की विशाल क्षमताओं का इष्टतम उपयोग करने में अत्यधिक सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य कार्य पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के माध्यम से उन मार्गों को सशक्त व सक्षम बनाना है, जिनके माध्यम से इन आर्थिक परिवर्तनों को प्राप्त किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस चिंतन बैठक के माध्यम से देश के सर्वश्रेष्ठ विचार वाले मस्तिष्क एक साथ आए हैं, ताकि हम सभी विभिन्न चुनौतियों एवं अवसरों पर विचारविमर्श और चर्चा कर सकें तथा निर्णय ले सकें। उन्होंने कहा कि यह हमारे बंदरगाहों के विकास तथा आधुनिकीकरण की हमारी योजना के सुचारू और तेजी से कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा कि हमें इसके लिए पीपीपी मॉडल पर गौर करना चाहिए,जिससे ग्रीनफील्ड बंदरगाह के विकास के लिए सरकारी संसाधनों को प्रयोग करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जीवन की सुगमता लाने में भारत के तटीय क्षेत्रों का व्यापक विकास होगा और साथ ही, व्यवसायों को आसानी से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय प्रमुख और गैर-प्रमुख दोनों तरह के बंदरगाहों के व्यापक विकास की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहा है। विचारविमर्श के दौरान एक अच्छी तरह से समन्वित पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला गया। श्री सोनोवाल ने कहा,यह आवश्यक है कि बंदरगाहों को पूंजीगत व्यय में वृद्धि करने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लानी चाहिए। इस दौरान पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए रेल-सड़क जलमार्ग विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी में समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए बंदरगाहों को सक्षम करने के लिए एक मास्टर प्लान समय की आवश्यकता है।