सोनभद्र में बाढ़ का संकट,बाणसागर से छोड़े गए पानी से हालात बिगड़े

सोन नदी का कहर! बाणसागर से निकला पानी बना आफत! पुल डूबे, गांव कटे

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में मौजूद बाणसागर बांध के साथ अन्य सहयोगी नदियों से आ रहे पानी के कारण सोन नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के कई हिस्सों में सोन नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है। हालत यह है कि कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। जनपद के पूर्वी हिस्सों में सोन उच्चतम बाढ़ स्तर को भी पार कर गयी है। जिसके कारण सोन नदी में आने वाली सहयोगी नदियों और नालों में पानी घुस गया है। 

कई नदियों के पानी ने बिगाड़ी हालत 

बाणसागर बांध से पिछले चार दिनों से आ रहे एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी के साथ बानस,गोपद,विजुल एवं कनहर नदियों से भारी पैमाने पर सोन नदी में पानी आ रहा है। जिसके कारण सोनभद्र के साथ झारखण्ड के गढ़वा एवं बिहार के रोहतास में सोन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। 

गुरुवार एक बजे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर मौजूद सोनभद्र के नेवारी के साथ चोपन में सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। दिन में एक बजे चोपन में सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान 171 मीटर को पार कर गया। समाचार लिखे जाने तक इसमें वृद्धि जारी थी। रात 9 बजे सोन नदी का जलस्तर चोपन में बढ़कर 171.67 मीटर पहुँच गया था।सीमावर्ती नेवारी में सोन का जलस्तर रात 8 बजे तक 182.75 मीटर पहुँच गया था जो उच्च बाढ़ स्तर 182.9 मीटर के काफी करीब है।  

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सोनभद्र के पूर्वी हिस्से में आयी बाढ़ 

उधर सोनभद्र के पूर्वी हिस्से में झारखण्ड सीमा के पास सोन नदी का जलस्तर कनहर डैम से आ रहे पानी के कारण उच्च बाढ़ स्तर को पार गया। जिसके कारण सीमावर्ती इलाकों में पानी घुसने लगा है। पूर्वी हिस्से में मौजूद नेगाई में सोन नदी का जलस्तर गुरुवार दिन में 3 बजे के बाद खतरे के निशान को पार करते हुए उच्च बाढ़ स्तर 162.17 मीटर को भी पार कर गया। रात 8 बजे यहां सोन का जलस्तर 162.75 मीटर पहुँच गया था। समाचार लिखे जाने तक सोन नदी के सीमावर्ती सैकड़ों हेक्टेयर खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए थे। पूर्वी कोन,कचनरवा क्षेत्र में दहशत की स्थिति है।    

बाणसागर बांध में 168063 क्यूसेक पानी की आवक

बाणसागर बांध के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए सोमवार सुबह 10 बजे बांध के कुल आठ फाटक खोले गए थे जो गुरुवार को भी खुले रहे।इन गेटों के माध्यम से कुल एक लाख क्यूसेक से ज्यादा जल प्रवाह सोन नदी में किया जा रहा था।उधर पूर्वी मध्य प्रदेश में जारी बारिश के कारण गुरुवार रात 8 बजे भी बाणसागर बांध में 168063 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। जिसको देखते हुए शुक्रवार को भी फाटकों के खुले रहने की संभावना है।

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सोनभद्र के कई हिस्सों में दहशत

 जनपद की तीन प्रमुख नदियों सोन,विजुल और रेणुका में आ रहे भारी पैमाने में पानी ने संगम क्षेत्र में स्थिति विस्फोटक कर दी है।तीनो नदियों के मिलन क्षेत्र गोठानी में सबसे ज्यादा चिंता देखी जा रही है। सोन नदी में आ रहे बाणसागर बाँध के पानी के कारण विजुल नदी का पानी आगे नही बढ़ पा रहा है, जिसके वजह से विजुल के तटवर्ती क्षेत्रो में पानी घुसने लगा है। गुप्तकाशी कहे जाने वाले गोठानी के पास तीनो नदियों के मिलन क्षेत्र का ऐसा नजारा सन 1976 के बाद दिखायी पड़ा है। सोन नदी के कई तटवर्ती गांवों में पानी घुसने के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं।

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विजुल पुल डूबा 
विजुल नदी पर गायघाट में बना पुल बाढ़ की चपेट में है।गुरुवार रात में इस पुल पर 5 फुट से ज्यादा पानी चल रहा है।जिसके कारण सैकड़ो गाँव का सम्पर्क कट गया है।

 

 

 

 

 

 

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