गयाना जैसे विशाल ऊर्जा भंडार अंडमान सागर में मिलने की उम्मीद
ऊर्जा वार्ता 2025 में हरदीप पुरी ने गयाना जैसे क्षेत्रों की खोज का किया दावा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा वार्ता 2025 में भारत की वैश्विक ऊर्जा रणनीति को स्पष्ट करते हुए कई बड़े ऐलान किए। श्री पुरी ने कहा कि भारत अब अपस्ट्रीम ऑयल एंड गैस सेक्टर में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है और गयाना जैसे विशाल ऊर्जा भंडार अंडमान सागर में मिलने की उम्मीद है।
भारत ने कच्चे तेल के आयात स्रोतों को 27 से बढ़ाकर 40 देशों तक कर लिया है, जिससे देश ने ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने कभी भी किसी प्रतिबंधित स्रोत से तेल नहीं खरीदा।
अपस्ट्रीम सुधारों की श्रृंखला
अपस्ट्रीम सुधारों की श्रृंखला के तहत भारत ने तेल और गैस क्षेत्र में कई क्रांतिकारी नीतिगत बदलाव किए हैं। श्री हरदीप पुरी ने बताया कि OALP (ओपन एक्रेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम) और HELP (हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं लाइसेंसिंग नीति) नीतियों में बड़े संशोधन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य अन्वेषण को अधिक आकर्षक और व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाना है। निष्क्रिय एकड़ की समस्या को समाप्त करने के लिए “नो-सिट क्लॉज” जैसी व्यवस्था लाई गई है, जिससे संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि तेल क्षेत्र विनियमन और विकास अधिनियम (ORD अधिनियम) और संशोधित पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियम 2025 (PNG नियम 2025) का अनावरण भी किया गया है, जो पारदर्शी और सरल संचालन सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही, राष्ट्रीय डेटा रिपोजिटरी को अब क्लाउड आधारित बनाया जा रहा है, जिससे निवेशकों को डेटा तक आसान पहुंच मिल सकेगी। श्री पुरी ने यह भी बताया कि अब तक दुर्गम माने जाने वाले लगभग 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर "नो-गो" क्षेत्र को भी अन्वेषण के लिए खोल दिया गया है। इस दिशा में बीपी और ओएनजीसी के बीच स्ट्रेटीग्राफिक कुओं के अध्ययन के लिए समझौता हुआ है, जबकि डीजीएच और एनआईसी ने पारदर्शी और केंद्रीकृत अपस्ट्रीम डेटा प्रबंधन के लिए क्लाउड-आधारित डेटा साझेदारी पर समझौता किया है।
वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता में भारत की नीति
रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व संकट के बीच भारत ने संतुलित ऊर्जा नीति अपनाई है। श्री पुरी ने चेताया कि रूस जैसे उत्पादक देश की आपूर्ति हटाने से क्रूड ऑयल की कीमतें $200 प्रति बैरल तक जा सकती हैं।
राज्यों की भूमिका और भविष्य की दिशा
ऊर्जा अवसंरचना विकास के लिए राज्यों को भागीदार बनाने की अपील की गई। श्री पुरी ने कहा कि अगले 10 वर्षों में ₹30-35 लाख करोड़ का निवेश होगा, जिसमें राज्यों की भूमिका केंद्रीय होगी।
ऊर्जा वार्ता 2025 के दौरान 22 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ इंटर-मिनिस्ट्रियल राउंडटेबल में गहन विचार-विमर्श हुआ।