पीएम मोदी के बिजली वितरण के संबंध में दिए गए विचारों का स्वागत
बिजली कंपनियों की दुर्दशा का कारण सरकारों की गलत नीतियां-इ.शैलेन्द्र दुबे
लखनऊ,31 जुलाई-ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन इ.शैलेंद्र दुबे ने बिजली कंपनियों के बारे में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का स्वागत किया है। कहा कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य से बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि सरकारी क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियां सरकारों की गलत नीति का शिकार है। यदि सरकारें समय से सब्सिडी और बिजली बिलों का भुगतान करें तो बिजली कंपनियों के समक्ष कोई वित्तीय संकट नहीं है ।
गौरतलब है कि 'उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-पावर@2047' के समापन के अवसर प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक ओर बिजली वितरण कंपनियों की बिजली उत्पादन कंपनियों के प्रति 1.1 लाख करोड़ रुपए की देनदारी बनती है तो दूसरी ओर बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी के एवज में सरकार से 75000 करोड़ रु और सरकारी विभागों के बिजली बिल के भुगतान के एवज में 66000 करोड रुपए की लेनदारी बनती है। इससे स्पष्ट है कि यदि सरकारें राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी और सरकारी विभागों के बिजली बिल का भुगतान समय से कर दें तो बिजली वितरण कंपनियों को 1.4 लाख करोड़ रु मिल जाएंगे और बिजली वितरण कंपनियां उत्पादन कंपनियों का 1.1 लाख करोड़ रु अदा करने के बाद भी 30 हजार करोड़ के सरप्लस में होंगी ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद साफ हो गया है कि बिजली कंपनियों की दुर्दशा का कारण सरकारों की गलत नीतियां हैं।
अतः इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के जरिए बिजली वितरण के निजी करण का प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए और सरकारी क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों को बिना सरकारी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर दिया जाना चाहिए।