भारतीय सीमेंट उद्योग वर्ष 2030 तक 10 फीसद CO2 उत्सर्जन कम करे
बल्लभगढ़,29 जुलाई-राष्ट्रीय सीमेंट एवं भवन सामग्री परिषद और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने 29 जुलाई 2022 को एनसीबी बल्लभगढ़ में संयुक्त रूप से "भारतीय सीमेंट संयंत्रों में अपशिष्ट हीट रिकवरी सिस्टम (डब्ल्यूएचआरएस) में प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनी और प्रसार" पर 01 दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया।संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर सचिव, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, भारत सरकार अनिल अग्रवाल ने किया।
मुख्य अतिथि ने डब्ल्यूएचआरएस के महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने पर BEE और NCCBM को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीमेंट उद्योग CO2 उत्सर्जन में लगभग 7% योगदान देता है और विशिष्ट CO2 उत्सर्जन लगभग 0.6 टन प्रति टन सीमेंट का उत्पादन होता है। प्रस्तावित है कि का प्रयास करना चाहिए, ताकि COP26 में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए जलवायु कार्रवाई लक्ष्य "पंचामृत" को पूरा किया जा सके, जिसमें 2030 तक 1 बिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी शामिल है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक अभय बकरे ने डब्ल्यूएचआरएस और कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन जैसी निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए बीईई की पहल पर प्रकाश डाला। डॉ बी एन महापात्र, डीजी-एनसीसीबीएम ने डीकार्बोनाइजेशन के पांच लीवर और पांच लीवर में से प्रत्येक के तहत एनसीसीबीएम के योगदान के बारे में चर्चा की।
बीईई ने मैसर्स जेके सीमेंट, मैसर्स अंबुजा सीमेंट, मेसर्स जेके लक्ष्मी सीमेंट और एनसीसीबीएम द्वारा केस स्टडी प्रस्तुतीकरण के बाद वेस्ट हीट रिकवरी परियोजनाओं के वित्तपोषण पर भी मार्गदर्शन किया।
अरुण शुक्ला, अध्यक्ष-जेकेएलसी ने डब्ल्यूएचआरएस पर उद्योग के दृष्टिकोण को साझा किया और सीमेंट संयंत्रों में अभी भी मौजूद डब्ल्यूएचआर क्षमता के बारे में चर्चा की। डॉ अशोक कुमार, डीडीजी-बीईई ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संगोष्ठी में 02 प्रदर्शकों सहित 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। IKN, Thermax Global, Siemens Energy, ThyssenKrupp, KHD India, SRS M Engineering Solution, Holtec, ट्रिपल I इंजीनियरों सहित उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा कुल 13 प्रस्तुति दी गई।