चाचा चौधरी के जनक थे कार्टूनिस्ट प्राण

चाचा चौधरी के जनक थे कार्टूनिस्ट प्राण

भारत के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा का 75 साल की आयु में 5 अगस्त, 2014 मंगलवार की रात को गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से कैंसर और दिल की बीमारी से जूझ रहे थे।

भारतीय कॉमिक जगत् के सबसे सफल  कार्टूनिस्ट प्राण ने 1960 से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण द्वारा बनाए सर्वाधिक लोकप्रिय पात्र 'चाचा चौधरी', 'साबू', रॉकेट, बिल्लू एवं श्रीमती जी हैं।

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चाचा चौधरी संभवतः भारत के सबसे लोकप्रिय कार्टून चरित्रों में से एक हैं। चाचा चौधरी की बीवी का नाम 'बन्नी चाची' है। इनके कोई बच्चे नहीं हैं, पर इसी कॉमिक दुनिया के पात्र, 'बिल्लू' और 'पिंकी' चाचा चौधरी के बच्चों सामान ही हैं। एक जमाने में काफ़ी लोकप्रिय रही पत्रिका लोटपोट के लिए बनाये उनके कई कार्टून पात्र काफ़ी लोकप्रिय हुए। बाद में कार्टूनिस्ट प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं भी प्रकाशित कीं। बड़े से बड़ा अपराधी या छोटा-मोटा गुन्डा-बदमाश या जेब कतरा, कुत्ते के साथ घूमने वाले लाल पगड़ी वाले बूढ़े को कौन नहीं जानता। यह सफ़ेद मूंछों वाला बूढ़ा आदमी चाचा चौधरी है। उसकी लाल पगड़ी भारतीयता की पहचान है। कभी-कभी पगड़ी बदमाशों को पकड़ने के काम भी आती है।

सम्मान और पुरस्कार

प्राण को कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। वर्ष 1995 में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया था। इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स ने वर्ष 2001 में उन्हें ‘लाइफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा था। ‘द वर्ल्ड एनसाइक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स‘ में प्राण को ‘‘भारत का वॉल्ट डिज्नी’’ बताया गया है और चाचा चौधरी की पट्टी अमेरिका स्थित कार्टून कला के अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय में लगी हुई है।

साभार-bharatdiscovery 

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