भारत और मिश्र ने हवाई युद्ध की कला और विज्ञान में अपने अनुभव साझा किए
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 2022 के जुलाई महीने में काहिरा वेस्ट एयर बेस के वेपन्स स्कूल में एक महीने का संयुक्त अभ्यास किया। यह पहली बार है जब दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच यह संयुक्त अभ्यास किया गया है। इसमें भारतीय वायु सेना, कॉम्बैट टैक्टिक्स और एयर फोर्स कॉम्बैट टैक्टिक्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के तीन सुखोई -30 एमकेआई विमान शामिल थे। साथ ही फाइटर जेट्स के छह इंस्ट्रक्टर्स ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया।
ईएएफ के सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम के तत्वावधान में दोनों वायु सेनाओं के बीच इस अभ्यास में जटिल और बहु-विमान मिशनों सहित बलों के परस्पर क्रिया के बड़े क्षेत्र में विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान हुआ। इस दौरान, आईएएफ पायलटों ने कई जटिल मिशनों में ईएएफ के साथ उड़ान भरी और प्रतिभागियों ने हवाई युद्ध की कला और विज्ञान में अपने अनुभव साझा किए। साथ ही उन्होंने अपने सर्वोत्तम अभ्यासों पर भी चर्चा की। इंडक्शन और डी-इंडक्शन में आईएएफ और यूएई एयर टू एयर रिफ्यूलर्स के मध्य हवा में ईंधन भरने के समर्थन के साथ छह घंटे से अधिक की उड़ानें शामिल थीं।
सह-क्रियात्मक हवाई संचालन को शामिल करते हुए इस कार्यक्रम ने उच्च स्तर के पेशेवर भरोसे को साझा किया है जो दोनों वायु सेनाओं के बीच विकसित हुआ है। दोनों वायु सेनाओं के बीच 1960 के दशक से संबंध है जब आईएएफ टेस्ट पायलट जीपी कैप्टन कपिल भार्गव ने ईएएफ के टेस्ट पायलटों के साथ हेलवान एचए-300 के मिस्र प्रोटोटाइप का परीक्षण किया। इसके बाद भारतीय क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर ने मिस्र के युवा पायलटों को प्रशिक्षण दिया। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो 1980 के दशक में जारी रहा।