चाबहार में छह मोबाइल हार्बर क्रेन आईपीजीसीएफटीजेड को सौंपे गए

चाबहार में छह मोबाइल हार्बर क्रेन आईपीजीसीएफटीजेड को सौंपे गए

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के चाबहार में शाहिद बहिश्ती बंदरगाह के विकास की प्रगति की समीक्षा करने के लिए दौरा किया।  चाबहार बंदरगाह की क्षमता को बढ़ाने के प्रयास में, केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज बंदरगाह पर इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री ट्रेड जोन (आईपीजीसीएफटीजेड) को छह मोबाइल हार्बर क्रेन भी सौंपे। केंद्रीय मंत्री के साथ ईरान में भारत के राजदूत गद्दाम धर्मेंद्र भी थे। ईरान के पोर्ट और मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन के प्रबंध निदेशक और उप मंत्री डॉ अली अकबर सफी ने आज लॉन्च के अवसर पर ईरानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

श्री सोनोवाल और डॉ अली अकबर सफी ने ईरान और भारत के बीच समुद्री और बंदरगाह सहयोग के विकास पर एक बैठक की। दोनों प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण एशियाई, आसियान और यहां तक ​​कि जापान और कोरिया जैसे सुदूर पूर्व के देशों के साथ मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार के मौकों और नई संभावनाओं के लिए चर्चा की । केंद्रीय मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने दूरी, समय और लागत को कम करने में चाबहार बंदरगाह की अहम भूमिका को दोहराया। बंदरगाह के सुचारू संचालन के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति बनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में बंदरगाह के विकास में भविष्य के कदमों की दिशा पर भी चर्चा की गई।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “हमारे साझा ऐतिहासिक संबंध भारत-ईरानी द्विपक्षीय संबंधों की नींव रहे हैं। पिछले वर्षों के निरंतर जुड़ाव और सर्वांगीण प्रयास द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और इन्हें मजबूत बनाने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करते हैं। भारत 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ईरान यात्रा के दौरान निर्धारित दृष्टिकोण को साकार करने के लिए चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। छह मोबाइल हार्बर क्रेन का उद्घाटन शाहिद बहिश्ती बंदरगाह के संचालन को कई गुना बढ़ाएगा और चाबहार बंदरगाह के विकास को और गति देगा । मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच क्षेत्रीय व्यापार में नई संभावनाओं को खोलने के लिए चाबहार बंदरगाह की काफी अहम रणनीतिक भूमिका  है। हम दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को पसंदीदा मार्ग बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

जब से इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड (आईपीजीपीएल) ने शाहिद बहिश्ती बंदरगाह का संचालन शुरू किया है, इसने 48 लाख टन से अधिक बल्क कार्गो का आवागमन संभाला है। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया माल ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, जर्मनी, ओमान, रोमानिया, रूस, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन और उज्बेकिस्तान सहित विभिन्न देशों से था। भारत के आईजीपीएल और ईरानी हितधारकों जिसमें ईरान का पोर्ट एंड मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन, ईरानी सीमा शुल्क प्रशासन और चाबहार फ्री जोन प्राधिकरण, शाहिद बहिश्ती पोर्ट अथॉरिटी और अन्य हितधारक शामिल हैं, के बीच घनिष्ठ सहयोग से बंदरगाह में इस पूरे क्षेत्र के लिए बड़े पैमाने पर व्यापार क्षमता के मौकों के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की संभावना है।  बैठक में प्रांतीय उप-राज्यपाल और चाबहार शहर के राज्यपाल श्री सेपही,चाबहार फ्री ट्रेड जोन ऑर्गेनाइजेशन के अंतरिम सीईओ श्री ईब्राहिमी,   पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय दूतावास के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

image001DF58

केंद्रीय मंत्री, श्री सोनोवाल ईरान और यूएई के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं, जहां उनका ईरान में चाबहार बंदरगाह और संयुक्त अरब अमीरात में जेबेल अली बंदरगाह का दौरा करने की योजना है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों और समुद्री क्षेत्र के संबंधों को मजबूत करना है। इस यात्रा का उद्देश्य यूरोप, रूस और सीआईएस देशों के साथ भारतीय व्यापार के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में चाबहार बंदरगाह के महत्व को सामने लाना है।

Related Posts

Latest News

"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर" "भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
ऊर्जा दक्षता अनवरत विकास की आधारशिला है, जो प्रगति और पर्यावरण प्रबंधन के धागों को एक साथ बुनती है। भारत...
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता
आसान नहीं होगा आईएएस प्रबंधन के लिए बिजलीकर्मियों का विकल्प ढूँढना
पिछले दशक में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन दोगुना
एकतरफा कार्यवाही पर बिना नोटिस दिए देश के 27 लाख बिजली कर्मी होंगे सड़कों पर
नवीकरणीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 213.70 गीगावॉट तक पहुंची
सौर विनिर्माण को आगे बढ़ाने के लिए एएलएमएम आदेश 2019 में महत्वपूर्ण संशोधन
निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों के काली पट्टी में दिखी प्रदेशव्यापी आक्रोश की झलक
राजस्थान बना भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का केंद्र-प्रल्हाद जोशी
भारी विफलताओं के बावजूद यूपी में ऊर्जा सेक्टर के निजीकरण ने उठाये गंभीर सवाल