वाई.के.चौबे ने एनएचपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाला
नई दिल्ली,1 सितंबर 2022- भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी नेशनल हाइड्रो पावर कार्पोरेशन (एनएचपीसी) लिमिटेड के नए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार वाई.के. चौबे ने संभाल लिया है। श्री चौबे वर्तमान में निदेशक (कार्मिक) के अतिरिक्त प्रभार के साथ एनएचपीसी में निदेशक (तकनीकी) के पद पर हैं। श्री चौबे आईआईटी खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वे 1985 में एनएचपीसी में 540 मेगावाट चमेरा जलविद्युत परियोजना (अब चमेरा-I पावर स्टेशन), हिमाचल प्रदेश में परिवीक्षाधीन कार्यपालक (सिविल) के रूप में शामिल हुए थे। श्री चौबे अपने करियर में तेजी से आगे बढ़े और अब उन्होंने एनएचपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण किया है।
श्री चौबे को एनएचपीसी के विभिन्न विभागों (संविदा, डिजाइन और इंजीनियरिंग) और निर्माण परियोजनाओं में विभिन्न पदों पर 37 वर्षों से भी अधिक समय से कार्य करने का अनुभव है। उनके पास अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक जलविद्युत परियोजना के विकास के सभी पहलुओं का अनुभव है और उन्होंने एनएचपीसी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
निदेशक (तकनीकी) के रूप में, श्री चौबे के पास सर्वेक्षण अन्वेषण, योजना, अपेक्षित मंजूरी प्राप्त करने, नई परियोजनाओं के लिए प्रमुख संविदाओं (सिविल, हाइड्रो-मैकेनिकल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल, सौर आदि) को अंतिम रूप देने और मौजूदा पावर स्टेशनों के ओ एंड एम की जिम्मेवारी थी।
कार्यपालक निदेशक (संविदा) के रूप में, श्री चौबे कार्यों के पूर्व और बाद के चरणों से संबंधित संविदात्मक मुद्दों के निपटान सहित प्रमुख संविदाओं (सिविल, हाइड्रो-मैकेनिकल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल, सोलर आदि) को अंतिम रूप देने और अवार्ड करने के लिए जिम्मेदार थे।
श्री चौबे का करियर डिजाइन और इंजीनियरिंग विभाग में 25 से अधिक वर्षों तक का रहा है, जिसमें उन्होंने पीएफआर/एफआर/डीपीआर और हाइड्रो-इलेक्ट्रिक/रिवर वैली परियोजनाओं के निर्माण चरण डिजाइन के लिए विभिन्न क्षमताओं और योजना एवं लेआउट इंजीनियरिंग में कार्य किया है।
श्री चौबे ने एनएचपीसी की दो प्रतिष्ठित परियोजनाओं अर्थात कनाडा के एसएनसी/एसीआरईएस के सहयोग से निष्पादित 540 मेगावाट की चमेरा-I परियोजना, हिमाचल प्रदेश और उड़ी सिविल-स्वीडिश कंसोर्टियम द्वारा टर्नकी आधार पर निष्पादित 480 मेगावाट उड़ी जलविद्युत परियोजना, जम्मू-कश्मीर के निर्माण में भी कार्य किया है।
श्री चौबे ने 2014 में बीजिंग, चीन में तीसरी चीन-भारत सामरिक आर्थिक वार्ता के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकारी समूह के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में भी योगदान दिया। पोलावरम परियोजना प्राधिकरण के अनुरोध पर 2017 में उन्होंने कॉफर बांध की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पोलावरम बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए एनएचपीसी विशेषज्ञ टीम का नेतृत्व किया।
श्री चौबे को एनएचपीसी द्वारा 1993 में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत स्टॉकहोम, स्वीडन भेजा गया। उन्होंने आईकोल्ड-2004, सियोल, दक्षिण कोरिया और आईकोल्ड-2016, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में भी भाग लिया। श्री चौबे बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड, चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बोर्ड में नामित निदेशक के रूप में भी हैं।