5 मिनट में ऑटो नहीं मिला? रैपिडो पर 10 लाख का जुर्माना!
CCPA का बड़ा एक्शन
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन राइड-हेलिंग ऐप रैपिडो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने उपभोक्ताओं को “5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये” और “गारंटीड ऑटो” जैसे भ्रामक विज्ञापनों के जरिए गुमराह किया।
झांसा और हकीकत
जांच में सामने आया कि विज्ञापनों में किए गए वादे और असलियत में बड़ा अंतर था। उपभोक्ताओं को 50 रुपये कैश देने का वादा किया गया, लेकिन दिया गया रैपिडो कॉइन।ये कॉइन भी हमेशा पूरे 50 रुपये नहीं, बल्कि “50 रुपये तक” थे। कॉइन केवल रैपिडो बाइक राइड पर इस्तेमाल किए जा सकते थे और उनकी वैधता महज़ 7 दिन थी। यानी उपभोक्ताओं को वास्तविक लाभ देने के बजाय उन्हें मजबूर किया गया कि वे दोबारा रैपिडो की सेवा का इस्तेमाल करें।
शिकायतों की बाढ़
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के आंकड़े भी कंपनी की पोल खोलते हैं।अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच रैपिडो के खिलाफ 575 शिकायतें दर्ज हुईं। जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच शिकायतें बढ़कर 1,224 तक पहुंच गईं। इनमें से ज़्यादातर शिकायतें सेवाओं में कमियां, रिफंड न मिलना, ज्यादा शुल्क वसूलना और “5 मिनट” गारंटी पूरा न करने से जुड़ी थीं।
सीसीपीए की कार्रवाई
जांच में यह भी पाया गया कि विज्ञापनों में “नियम व शर्तें लागू” बेहद छोटे और अपठनीय अक्षरों में लिखे गए थे। इससे उपभोक्ताओं को असली शर्तों का पता ही नहीं चल पाता था। इस आधार पर CCPA ने रैपिडो पर जुर्माना लगाते हुए आदेश दिया कि प्रभावित उपभोक्ताओं को तुरंत मुआवज़ा लौटाया जाए। सभी भ्रामक विज्ञापनों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। कंपनी आगे से उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापनों से बचे।
उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी
CCPA ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ऐसे विज्ञापनों से सावधान रहें जिनमें बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन शर्तें साफ तौर पर सामने नहीं रखी जातीं। अगर किसी उपभोक्ता को भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार प्रथाओं से दिक्कत हो, तो वह राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर कॉल कर सकता है या NCH ऐप/वेबसाइट के जरिए शिकायत दर्ज कर सकता है।
बड़ी सीख
यह मामला न केवल उपभोक्ताओं के लिए जागरूकता का संकेत है बल्कि कंपनियों के लिए भी एक बड़ा सबक है कि झूठे वादे और भ्रामक विज्ञापन अब बेहद महंगे पड़ सकते हैं।