AI की ताक़त से डैम निर्माण होगा और सुरक्षित

दुनिया भर में बदल रही निर्माण साइटों की तस्वीर

AI आधारित टक्कर-रोधक और ऑटोनॉमस ब्रेकिंग सिस्टम

डैम निर्माण हमेशा से जोखिमों से भरा काम रहा है। सैकड़ों टन वज़नी मशीनें, सीमित जगह, असमान सतह और लगातार बदलते हालात। ज़रा सोचिए, इतनी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अगर एक छोटी सी मानवीय गलती हो जाए, तो नतीजा जानलेवा दुर्घटना हो सकता है। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित टक्कर-रोधक तकनीक इस क्षेत्र में नई उम्मीद बनकर उभरी है।

एक नए युग की शुरुआत

AI आधारित टक्कर-रोकथाम (collision avoidance) तकनीकें अब भारी मशीनों और कर्मियों के बीच के इंटरफेस को सुरक्षित बनाने लगी हैं, विशेषकर पनबिजली और बाँध निर्माण क्षेत्रों में जहां जोखिम अत्यधिक होता है।

ब्रिटिश कंपनी Safety Shield की यह प्रणाली मशीनों पर स्थापित HD कैमरों, AI कोर यूनिट, और ऑपरेटर के लिए LED वॉर्निंग सिस्टम से लैस है। यह प्रणाली मनुष्य-मशीन इंटरफेस के जोखिम को लगभग समाप्त करने की क्षमता रखती है।

रेटिंग और प्रभावशाली विश्वसनीयता – इस AI सिस्टम ने छह ISO प्रमाणपत्र प्राप्त किए हैं और स्वतंत्र परीक्षाओं के अनुसार इसकी सटीकता 99.6% मापी गई है। यूके में यह 5000 से अधिक मशीनों पर स्थापित हो चुका है—जहाँ अब तक कोई लोगों-मशीन टक्कर का दावा नहीं हुआ है।

डैम निर्माण में AI कैसे करेगा खेल बदल?

100% सुरक्षा के करीब अनुभव – AI कैमरे और सेंसर मशीन के चारों ओर "अदृश्य सुरक्षा घेरा" बना देते हैं। जैसे ही कोई कर्मचारी खतरनाक ज़ोन में पहुँचता है, मशीन तुरंत अलर्ट देती है और ज़रूरत पड़ने पर खुद ब्रेक लगा लेती है।

तेज़ रफ्तार निर्माण – जब श्रमिक और इंजीनियर बिना भय के काम करेंगे तो काम की रफ्तार भी बढ़ेगी। इससे डैम प्रोजेक्ट समय से पहले पूरे हो सकते हैं।

कम दुर्घटनाएँ, कम लागत – हर दुर्घटना न केवल जान के लिए खतरा है बल्कि प्रोजेक्ट को भी महीनों पीछे धकेल सकती है। AI सुरक्षा के कारण काम बिना रुके चलता रहेगा और लागत भी कम होगी।

बेहतर डेटा, बेहतर फैसले – AI क्लाउड सिस्टम हर घटना का रिकॉर्ड रखता है। इससे पता चलता है कि कौन-सा क्षेत्र ज़्यादा जोखिम वाला है और कहाँ अतिरिक्त सतर्कता ज़रूरी है। यानी भविष्य की प्लानिंग और मज़बूत होगी।

श्रमिकों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी – जब मशीनें खुद सुरक्षा में मदद करेंगी तो श्रमिकों को डर कम होगा और वे पूरी ऊर्जा के साथ काम कर पाएंगे।

भविष्य की झलक

AI तकनीक ने पहले ही UK की हज़ारों मशीनों पर 99.6% सटीकता के साथ अपनी काबिलियत साबित कर दी है। अगर यही तकनीक दुनिया भर के डैम प्रोजेक्ट्स में लागू हो जाए तो काम तेज़ और सुरक्षित होगा,प्रोजेक्ट लागत और समय दोनों में किफायती होंगे,और सबसे अहम, कर्मचारियों की जान सुरक्षित होगी।

डैम निर्माण में यह बदलाव सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं, बल्कि एक “सुरक्षित कल” की ओर कदम है।

स्रोत - Water Power Magazine 

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