कैबिनेट ने 12 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दी
फोटो-बेरिलियम
नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों - बेरिलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम, सेलेनियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टाइटेनियम,टंगस्टन और वैनेडियम के संबंध में रॉयल्टी की दर निर्दिष्ट करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 ('एमएमडीआर अधिनियम') की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
यह सभी 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की कवायद पूरी करता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि सरकार ने 15 मार्च, 2022 को 4 महत्वपूर्ण खनिजों, अर्थात् ग्लौकोनाइट, पोटाश, मोलिब्डेनम और प्लैटिनम समूह के खनिजों की रॉयल्टी दर और 12 अक्टूबर, 2023 को 3 महत्वपूर्ण खनिजों, अर्थात् लिथियम, नाइओबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट की रॉयल्टी दर अधिसूचित की थी।

हाल ही में, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 के माध्यम से एमएमडीआर अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग डी में 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों को सूचीबद्ध किया गया था, जो 17 अगस्त, 2023 से लागू हुआ है। संशोधन में प्रावधान किया गया कि इन 24 खनिजों के खनन पट्टे और मिश्रित लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
रॉयल्टी की दर के निर्देशन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार इन 12 खनिजों के लिए ब्लॉकों की नीलामी कर सकेगी।ब्लॉकों की नीलामी में बोलीदाताओं के लिए खनिजों पर रॉयल्टी दर एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिफल है। इसके अलावा, इन खनिजों के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) की गणना के लिए खान मंत्रालय द्वारा तरीका भी तैयार किया गया है जो बोली संबंधी मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगा।
एमएमडीआर अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें प्रदान करती है।दूसरी अनुसूची की मद संख्या 55 में प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर उसमें विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का 12 प्रतिशत होगी। इस प्रकार, यदि इनके लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, तो उनकी डिफॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी, जो अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है। साथ ही, 12 प्रतिशत की यह रॉयल्टी दर अन्य खनिज उत्पादक देशों के साथ तुलनीय नहीं है।