आरईसी ने नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण श्रेणी में स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन पुरस्कार 2024 जीता

आरईसी ने नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण श्रेणी में स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन पुरस्कार 2024 जीता

नई दिल्ली-विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी गैर बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड को 'नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण' श्रेणी में स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार टिकाऊ वित्तपोषण, हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया को तेज करने की दिशा में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के समर्पण को दर्शाता है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक टी.एस.सी. बोश को यह पुरस्कार नई दिल्ली में प्रदान किया गया।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) भारत के स्वच्छ ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण कंपनी के रूप में उभरी है, जो देश के स्थायी भविष्य में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने विभिन्न पहलों और उपलब्धियों के माध्यम से कई टिकाऊ परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है और हरित परियोजनाओं के लिए विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसके अलावा, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने सौर, पवन, पंप भंडारण परियोजनाओं, ई-मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण, हरित अमोनिया और हरित हाइड्रोजन तथा बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हरित परियोजनाओं के विभिन्न डेवलपर्स के साथ आपस में चर्चा की है।

भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण विस्तार की संभावना है। अनुमानों के अनुसार इसके वर्तमान मूल्य की तुलना में 10 गुना वृद्धि होगी। वर्ष 2030 तक यह 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच जाएगी, जो प्रबंधन के अंतर्गत इसकी संपत्ति का लगभग 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।

स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार उन संगठनों को मान्यता प्रदान करते हैं जो पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रथाओं में उत्कृष्ट कार्य का प्रदर्शन करते हैं। स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार और मूल्यांकन भारत वर्ष 2047 के लिए संगठनों की प्रतिबद्धता के मूल्यांकन के लिए एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है। यह एक स्थायी और बढ़ते व्यावसायिक भविष्य को आकार देने में स्थायी निवेश और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर क्रिया पर केंद्रित है।

Latest News

जल विद्युत क्षमता के दोहन से भारत की ऊर्जा जरूरतों को लगेगा पंख जल विद्युत क्षमता के दोहन से भारत की ऊर्जा जरूरतों को लगेगा पंख
जल विद्युत क्षमता का दोहन न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है बल्कि यह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा...
उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में 06 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
यूपी सरकार ने बिजलीकर्मियों की संभावित हड़ताल से निपटने की रणनीति बनाई
कौड़ियों के मोल बिजली विभाग की अरबों-खरबों की परिसम्पत्तियाँ बेचने की चल रही साजिश
हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पारेषण से कम होगा लाइन लॉस
2029-30 तक 1.5 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कोयला श्रमिकों के कल्याण में सुधार के लिए प्रतिबद्धता
68 हजार बिजली कर्मचारियों पर लटक रही छंटनी की तलवार
बिजली का निजीकरण कल्याणकारी राज्य के विरुद्ध - एआईपीएफ
हाइड्रो श्रेणी की स्वदेश में विकसित सतही हाइड्रोकाइनेटिक टरबाइन प्रौद्योगिकी को मान्यता