हालात खराब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं- पीएम मोदी 

सेमीकॉन इंडिया 2024 कार्यक्रम

PM Modi inaugurating semiconductor manufacturing plans

नई दिल्ली- वर्ष 2023 में वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग ने ऐतिहासिक मंदी का सामना किया है।सेमीकंडक्टर के समग्र बाजार में 11% की गिरावट देखी गई, जिससे कुल राजस्व 534 बिलियन डॉलर तक गिर गया। इस मंदी को लेकर भारत बड़े अवसर बनाने की कवायद में जुट गया है। इसका मोर्चा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठा लिया है। वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग के लिहाज से भले ही भारत अभी बीजारोपण की स्थिति में है लेकिन पीएम मोदी ने इस क्षेत्र के निवेशकों को यह बताने में देरी नहीं की है कि जब हालात खराब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2024 कार्यक्रम में भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर सरकार की योजनाओं और दृष्टिकोण का खुलासा किया। उन्होंने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए निवेशकों को प्रेरित करते हुए यह संदेश दिया कि "भारत में चिप्स के उत्पादन को बढ़ाना" इस सेक्टर की प्राथमिकता है। उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज स्थापित करने के लिए 50% सरकारी समर्थन की बात कही और इस दिशा में 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक के निवेश की जानकारी दी।

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पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत रिफॉर्मिस्ट सरकार, बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग बेस, और टेक-उन्मुख एस्पिरेशनल मार्केट के तीन प्रमुख स्तंभों पर आगे बढ़ रहा है, जो भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग का एक महत्वपूर्ण हब बना रहा है।भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन ट्रांजिशन जैसे क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में "दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप" देखने का सपना है, और इसके लिए सरकार संपूर्ण सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को विकसित कर रही है।उन्होंने भारत के तकनीकी शिक्षण संस्थानों और रिसर्च सेंटरों को सेमीकंडक्टर रिसर्च और इनोवेशन में सहयोग देने का भी वादा किया, जिसमें सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए अगली पीढ़ी की चिप्स पर रिसर्च शामिल है।

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भारत के लिए है बड़ा अवसर 
वर्ष 2023 की मंदी के बावजूद आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर उद्योग में तेजी का अनुमान पहले ही लगाया गया है।एक रिपोर्ट की मानें तो वैश्विक सेमीकंडक्टर राजस्व 2024 में 16.8% बढ़कर कुल $624 बिलियन होने का अनुमान है। जिसको देखते हुए भारत जो कि सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योग में अभी जन्म ले रहा है ने बड़े सपने देखना शुरू कर दिया है।इसके पीछे भारत में data centres की बढती मांग को मुख्य कारक माना जा रहा है। ऐसे में दुनिया का बहुत बड़ा बाजार भारत में आकार ले रहा है। पीएम मोदी के शब्दों से कई मायने लगाए जा सकते हैं जिसमे वे कहते हैं कि Global semiconductor industry को drive करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। 

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फिलहाल 'शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर' विषय पर 11 से 13 सितंबर तक सेमीकॉन इंडिया 2024 का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करेगा, जिसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। इसमें वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गजों की शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी होगी और यह वैश्विक नेताओं, कंपनियों और सेमीकंडक्टर उद्योग के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता भाग ले रहे हैं।

ये रहे मौजूद 

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, जितिन प्रसाद, सेमी के अध्यक्ष और सीईओ, अजित मनोचा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ, डॉ. रंधीर ठाकुर, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर के सीईओ, कर्ट सिवर्स, रेनिसास के सीईओ, हिदेतोषी शिबाटा और आईएमईसी के सीईओ, लुक वान डेन होवे मौजूद थे।

सेमीकंडक्टर निर्माण के मामले में, शीर्ष 10 देश 

ताइवान (TSMC): लगभग 1.3 ट्रिलियन सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करता है। ताइवान का 60% वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण में योगदान है।
दक्षिण कोरिया (Samsung, SK Hynix): सालाना 680-700 बिलियन सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करता है।
चीन: लगभग 300-350 बिलियन चिप्स का उत्पादन करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका (Intel, Micron): सालाना लगभग 250-280 बिलियन चिप्स का निर्माण करता है।
जापान (Renesas, Sony): जापान का उत्पादन 100-120 बिलियन चिप्स है।
जर्मनी (Infineon): लगभग 80-90 बिलियन चिप्स का निर्माण करता है।
नीदरलैंड (NXP Semiconductors): लगभग 60-70 बिलियन चिप्स।
सिंगापुर: लगभग 50-60 बिलियन चिप्स का उत्पादन करता है।
मलेशिया: मलेशिया का उत्पादन 40-50 बिलियन चिप्स के बीच है।
इटली: लगभग 30-40 बिलियन चिप्स का निर्माण करता है।


भारत की स्थिति:भारत अभी तक वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण में बहुत बड़ा खिलाड़ी नहीं है, लेकिन भारत में अब सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की जा रही हैं। फिलहाल भारत का उत्पादन तुलनात्मक रूप से काफी कम है, लेकिन आने वाले वर्षों में भारत की स्थिति में सुधार की संभावनाएं हैं, खासकर नए संयंत्रों और सरकार की उत्पादन योजनाओं के चलते।

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स्रोत-gartner,world population review.com, PIB  

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