हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पारेषण से कम होगा लाइन लॉस
HVDC पारेषण तकनीक ने बिजली पारेषण के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। यह लंबी दूरी पर बिजली की हानि को कम करने, अक्षय ऊर्जा स्रोतों को ग्रिड से जोड़ने और ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्च प्रारंभिक लागत के बावजूद, यह तकनीक भविष्य के ऊर्जा समाधान के लिए अपरिहार्य है।
एचवीडीसी पारेषण क्या है?
एचवीडीसी (HVDC) पारेषण का मतलब है हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पारेषण। यह एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से बिजली को लंबी दूरी तक कुशलतापूर्वक और कम हानि के साथ भेजा जाता है। इसमें डायरेक्ट करंट (DC) का उपयोग किया जाता है, जो परंपरागत अल्टरनेटिंग करंट (AC) पारेषण की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है।
HVDC पारेषण की विशेषताएं
कम ऊर्जा हानि:HVDC पारेषण में लाइन लॉस AC पारेषण की तुलना में कम होता है।DC में करंट का कोई आवर्त (frequency) नहीं होता, जिससे हानि घटती है।
लंबी दूरी के लिए उपयुक्त:HVDC सिस्टम लंबी दूरी तक बिजली भेजने के लिए अधिक कुशल है।यह समुद्र के नीचे पारेषण (जैसे, इंटरकनेक्टर प्रोजेक्ट्स) में भी उपयोगी है।
सहज इंटरकनेक्शन:HVDC विभिन्न पावर ग्रिड्स (अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले) को जोड़ने के लिए उपयोगी है।
कम पारेषण लाइनें:HVDC में समान क्षमता के लिए कम संख्या में तारों की आवश्यकता होती है, जिससे लागत और संसाधन बचते हैं।
HVDC पारेषण का काम करने का तरीका
एसी को डीसी में बदलना (Rectification):पावर जनरेशन के बाद, एसी पावर को रेक्टिफायर स्टेशन के जरिए डीसी में बदला जाता है।
डीसी पारेषण:डीसी पावर को हाई वोल्टेज पर पारेषण लाइनों के जरिए लंबी दूरी तक भेजा जाता है।
डीसी को एसी में बदलना (Inversion):गंतव्य स्थान पर इन्वर्टर स्टेशन के जरिए डीसी को फिर से एसी में बदला जाता है।
HVDC पारेषण के फायदे
ऊर्जा हानि में कमी:HVDC पारेषण में ऊर्जा हानि केवल 3-5% तक होती है, जबकि एसी पारेषण में यह 7-10% हो सकती है।
लंबी दूरी पर कम लागत:HVDC तकनीक लंबी दूरी के पारेषण में लागत को कम करती है क्योंकि कम तारों की आवश्यकता होती है।
स्मार्ट ग्रिड इंटीग्रेशन:HVDC तकनीक से अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे, सौर और पवन ऊर्जा) को ग्रिड में जोड़ना आसान होता है।
स्थिरता और नियंत्रण:HVDC ग्रिड में करंट और वोल्टेज को सटीक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
HVDC पारेषण के नुकसान
उच्च प्रारंभिक लागत:HVDC सिस्टम स्थापित करना महंगा है क्योंकि इसमें विशेष उपकरणों (रेक्टिफायर और इन्वर्टर) की आवश्यकता होती है।
जटिलता:HVDC पारेषण प्रणाली के लिए उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
छोटी दूरी के लिए अनुपयुक्त:HVDC छोटी दूरी के पारेषण के लिए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है।
भारत में HVDC पारेषण का उपयोग
भारत में HVDC तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। कुछ प्रमुख परियोजनाएं:
चंपा-कुरुक्षेत्र HVDC लिंक:छत्तीसगढ़ में पवन और सौर ऊर्जा को हरियाणा तक भेजने के लिए।
सिलचर-अगरतला HVDC लिंक:पूर्वोत्तर भारत में ग्रिड स्थिरता के लिए।
तमिलनाडु-केरल HVDC लिंक:अक्षय ऊर्जा पारेषण के लिए।