जनसुनवाई में तालेबंदी से भड़के बिजली कर्मी

7000 से अधिक कर्मचारियों का जून माह का वेतन रोका गया

जनसुनवाई में तालेबंदी से भड़के बिजली कर्मी

निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन ने सोमवार को तब नया मोड़ ले लिया जब विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई के दौरान आयोग के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस घटना के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले सैकड़ों बिजली कर्मियों ने आयोग के सामने मौन प्रदर्शन किया और जनसुनवाई को असंवैधानिक करार दिया।

संघर्ष समिति ने आयोग से मांग की है कि जनसुनवाई दोबारा कराई जाए और समिति को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए। साथ ही, समिति ने 22 जुलाई को प्रदेशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। राजधानी लखनऊ में यह प्रदर्शन ऊर्जा मंत्री के निवास के सामने होगा।

उत्पीड़न के खिलाफ गुस्सा

संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण को थोपने के लिए कर्मचारियों पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई कर रहा है। हजारों कर्मचारियों का बिना प्रतिस्थानी के तबादला, फेशियल अटेंडेंस के नाम पर वेतन रोका जाना और संविदा कर्मचारियों की छंटनी जैसी कार्रवाइयों ने कर्मचारियों को आर्थिक व मानसिक संकट में डाल दिया है।

समिति का कहना है कि 7000 से अधिक कर्मचारियों का जून माह का वेतन रोका गया है और 21 जुलाई तक वेतन न मिलने के कारण उनके परिवारों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

स्मार्ट मीटर का विरोध

संघर्ष समिति ने यह भी आरोप लगाया कि कर्मचारियों के घरों पर जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें मिलने वाली रियायती बिजली की सुविधा समाप्त की जा सके। समिति ने कहा कि यह इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003, ट्रांसफर स्कीम 2000 और रिफॉर्म एक्ट 1999 का उल्लंघन है।

संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारी बोले

संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के. दीक्षित, सुहैल आबिद, सहित अन्य ने बताया कि यह पहली बार है जब जनसुनवाई के दौरान मुख्य द्वार पर ताला लगाया गया और कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया।

22 जुलाई को होगा शक्ति प्रदर्शन

समिति ने स्पष्ट किया कि अब 22 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। राजधानी लखनऊ में ऊर्जा मंत्री के आवास पर बिजली कर्मचारी विरोध दर्ज कराएंगे। जन-जागरूकता और सभाओं के जरिए पूरे प्रदेश में आंदोलन को धार दी जा रही है।

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