भारत के स्वच्छ ऊर्जा मिशन को मिली रफ्तार
प्रह्लाद जोशी ने बताईं 5 प्रमुख प्राथमिकताएं
नई दिल्ली में आयोजित मेरकॉम इंडिया रिन्यूएबल्स शिखर सम्मेलन में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भारत के ऊर्जा परिवर्तन के रोडमैप को विस्तार से रखा। उन्होंने सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में केंद्रित प्रयासों की जानकारी दी और बताया कि भारत अब तक अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त कर चुका है जो निर्धारित समय-सीमा से पाँच साल पहले का आंकड़ा है।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में पाँच प्रमुख प्राथमिकताएं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की रणनीति पाँच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
-
मजबूत पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA)
-
सशक्त ग्रिड व ऊर्जा भंडारण प्रणाली
-
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा
-
भूमि उपयोग का अनुकूलन
-
वित्तीय पहुंच को आसान बनाना
नवीकरणीय ऊर्जा के आँकड़े और बचत का असर
भारत में इस समय 245 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित हो चुकी है, जिसमें 116 गीगावाट सौर और 52 गीगावाट पवन ऊर्जा है।
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के मुताबिक, वर्ष 2024 में भारत को स्वच्छ ऊर्जा की वजह से जीवाश्म ईंधन आयात और वायु प्रदूषण संबंधी खर्चों से करीब ₹4 लाख करोड़ की बचत हुई है।
सरकारी योजनाओं की प्रगति
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अब तक 17.2 लाख रूफटॉप सौर संयंत्र लगाए जा चुके हैं।बैटरी एनर्जी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए 30 GWh क्षमता पर ₹5,400 करोड़ की VGF योजना शुरू की गई है।₹24,000 करोड़ की पीएलआई योजना से सौर और पवन विनिर्माण को गति मिली है।हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत 3,000 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता और सालाना 8.6 लाख टन उत्पादन के लक्ष्य को स्वीकृति मिली है।
व्यापक पारेषण योजना और नवाचार पर ज़ोर
2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता की निकासी सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वित पारेषण योजना तैयार की गई है। साथ ही, मंत्रालय फ्लोटिंग सोलर, कैनाल-टॉप सोलर और एग्रीवोल्टिक्स जैसी परियोजनाओं के ज़रिए नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी इस दिशा में सहयोग दिया जा रहा है।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य
मेरकॉम इंडिया रिन्यूएबल्स शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों को एक मंच पर लाना है। इस आयोजन में सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी और तकनीकी संस्थानों ने भी भागीदारी की।