कोयला आयात पर निर्भरता में 20.91 मिलियन टन की कमी

₹60,681 करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत

कोयला आयात

भारत सरकार ने कोयला आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक के बाद एक कई ठोस और रणनीतिक कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई, जिससे देश को लगभग ₹60,681.67 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत हुई। यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

प्रमुख रणनीतिक पहलें 

विद्युत संयंत्रों को अधिक घरेलू कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ACQ को मानक आवश्यकता के 100% तक बढ़ाया गया। इससे आयात की आवश्यकता में सीधी कमी आई। कोकिंग कोल लिंकेज की अवधि को 30 वर्ष तक बढ़ाया गया, जिससे दीर्घकालीन घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि विद्युत क्षेत्र के लिंकेज धारकों को उनके संपूर्ण PPA आवश्यकताओं के अनुसार कोयला उपलब्ध कराया जाए।

कोयला आयात निगरानी प्रणाली (CIMS) के माध्यम से कोयले के आयात पर नियंत्रण और निगरानी को सुदृढ़ किया गया। देश में स्टील उद्योग के लिए घरेलू कोकिंग कोल की आपूर्ति बढ़ाने हेतु यह मिशन प्रारंभ किया गया है। ICB संयंत्रों और मौजूदा FSA धारकों को अधिक लचीलापन दिया गया है, जिससे आयातित कोयले पर निर्भरता घटे।

कोयला उत्पादन और बुनियादी ढांचे के लिए उठाए गए कदम

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL): आधुनिक तकनीकों (CM, LW, HW) और हाई कैपेसिटी मशीनों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ा रहा है।

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL): परियोजनाओं के संचालन और अनुमति में तेजी लाने के लिए सक्रिय संवाद और तकनीकी निवेश किया जा रहा है।

वाणिज्यिक खनन: 2020 से शुरू हुई नीलामी योजना के तहत उत्पादन में तेजी और आकर्षक प्रोत्साहन।

कोयला लॉजिस्टिक योजना

वित्त वर्ष 2029-30 तक 1.5 बिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए फरवरी 2024 में लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत की गई है ताकि उत्पादन के अनुरूप कोयले की निर्बाध निकासी सुनिश्चित की जा सके।

आंकड़े एक नजर में
वित्त वर्ष कोयला आयात (मिलियन टन) आयात में कमी विदेशी मुद्रा बचत
2023-24 264.53 MT - -
2024-25 243.62 MT 20.91 MT ₹60,681.67 करोड़
कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण को बढ़ावा

भारत सरकार कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में, केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2024 को ₹8,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी, जिसके अंतर्गत सात गैसीकरण परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

सरकार की यह पहल कोयला को सिर्फ जलाने की बजाय उसके वैकल्पिक, पर्यावरण-अनुकूल उपयोग को प्रोत्साहित करती है। कोयला गैसीकरण से न केवल क्लीन एनर्जी, बल्कि रासायनिक उत्पाद, हाइड्रोजन और मेथनॉल जैसी वैल्यू-एडेड चीज़ें भी प्राप्त की जा सकती हैं।

 

 

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