भूजल संकट गहराया, 60% से अधिक दोहन
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी
भारत में भूजल स्तर चिंताजनक रूप से गिरता जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 446.9 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जबकि 245.64 बीसीएम भूजल हर साल घरेलू, कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए निकाला जा रहा है। इसका मतलब है कि हम सालाना उपलब्ध भूजल का 60.47% उपयोग कर रहे हैं, जो विशेषज्ञों के अनुसार खतरनाक सीमा के करीब है।
केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि भूजल की इस गिरती स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना, अमृत सरोवर मिशन और पीडीएमसी योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) जैसे कार्यक्रमों के जरिए जल संरक्षण, पुनर्भरण और सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है।
सिर्फ पिछले चार वर्षों में देशभर में 1.14 करोड़ से अधिक जल संचयन कार्य पूरे किए गए हैं। वहीं, 69,000 अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनरुद्धार किया गया है। साथ ही, पूरे देश में राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण और जल पुनर्भरण के लिए मास्टर प्लान-2020 जैसे वैज्ञानिक प्रयास भी जारी हैं।
हालांकि, अभी भी कई राज्यों में कुछ क्षेत्रों में भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड, भारी धातुएं जैसी खतरनाक चीज़ों की मौजूदगी पाई गई है, जो पीने के पानी के लिए चिंता का विषय है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि जल राज्य का विषय है, इसलिए भूजल प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्यों की है। लेकिन केंद्र सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता के जरिए राज्यों का सहयोग कर रही है।
भूजल प्रदूषण: कुछ क्षेत्रों में गंभीर संकट, स्वास्थ्य पर खतरा
भारत के कई क्षेत्रों में भूजल गुणवत्ता भी अब चिंता का विषय बन चुकी है। केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) की भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा जिलों में भूजल में प्रदूषण की उपस्थिति दर्ज की गई है।
प्रमुख प्रदूषक और उनके प्रभाव
प्रदूषक संभावित स्रोत स्वास्थ्य पर प्रभाव आर्सेनिक भू-गर्भीय चट्टानें, कुछ उद्योग त्वचा की बीमारियाँ, कैंसर फ्लोराइड प्राकृतिक रूप से चट्टानों से दाँत व हड्डियों की समस्याएँ नाइट्रेट रासायनिक खाद, सीवेज रिसाव बच्चों में "ब्लू बेबी सिंड्रोम" भारी धातुएं (जैसे सीसा, क्रोमियम) औद्योगिक अपशिष्ट स्नायु तंत्र पर असर, गुर्दे की बीमारियाँ