कर्नाटक में 1,600 टन लिथियम संसाधन पाए गए

कर्नाटक में 1,600 टन लिथियम संसाधन पाए गए

नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जानकारी दी कि परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) ने कर्नाटक के मांड्या और यादगिरी जिलों में लिथियम संसाधनों की उपस्थिति की पुष्टि की है। मांड्या जिले के मार्लागल्ला क्षेत्र में 1,600 टन (जी3 चरण) लिथियम संसाधन पाए गए हैं, जबकि यादगिरी जिले में लिथियम की खोज के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण और सीमित उपसतह अन्वेषण किया गया है।

डॉ. सिंह ने बताया कि वर्तमान में एएमडी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कुछ क्षेत्रों में संभावित भूवैज्ञानिक डोमेन में लिथियम की खोज कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के पेगमाटाइट बेल्ट भी लिथियम संसाधनों के लिए संभावित डोमेन हैं।

इसके अलावा, डॉ. सिंह ने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के मसानबल क्षेत्र में सतह पर यूरेनियम की उपस्थिति की भी जानकारी दी, हालांकि राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में, भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) पर विश्व भर में हो रहे घटनाक्रमों पर ध्यान दे रहा है। डॉ. सिंह ने बताया कि विभिन्न देशों और विदेशी विक्रेताओं की एसएमआर तकनीकों का अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन विदेशी विक्रेताओं के साथ सहयोग का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। कुछ निजी उद्यमियों ने अपने कार्यक्षेत्रों में छोटे रिएक्टर लगाने में रुचि दिखाई है।

भारत और रूस ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के क्षेत्र में सहयोग सहित शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग में सहयोग का विस्तार करने की रुचि व्यक्त की है।

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