एनएचपीसी लिमिटेड को मिला ‘नवरत्न’ कंपनी का प्रतिष्ठित दर्जा

एनएचपीसी लिमिटेड को मिला ‘नवरत्न’ कंपनी का प्रतिष्ठित दर्जा

नई दिल्ली, 31 अगस्त 2024 - राष्ट्रीय जल विद्युत निगम लिमिटेड (एनएचपीसी) को भारत सरकार द्वारा ‘नवरत्न’ कंपनी का प्रतिष्ठित दर्जा प्रदान किया गया है। यह दर्जा 30 अगस्त, 2024 को सार्वजनिक उद्यम विभाग (वित्त मंत्रालय) द्वारा जारी आदेश के तहत प्रदान किया गया। ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से एनएचपीसी को परिचालनीय और वित्तीय स्वायत्तता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

एनएचपीसी के सीएमडी आर.के. चौधरी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह एनएचपीसी परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है और यह हमारी उल्लेखनीय वित्तीय और परिचालनीय उपलब्धियों की मान्यता है।” उन्होंने एनएचपीसी परिवार की ओर से विद्युत मंत्रालय को उनके समर्थन और विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया, जिसके परिणामस्वरूप एनएचपीसी को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त हुआ।

‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से एनएचपीसी को कई फायदे होंगे, जिनमें निर्णय लेने में तेजी, कार्यकुशलता में वृद्धि, और कर्मचारी सशक्तिकरण शामिल हैं। इससे कंपनी को प्रमुख पूंजीगत व्यय और निवेश योजनाओं को समर्थन मिलेगा, जिससे विकास को गति मिलेगी और बाजार पहुंच का विस्तार होगा। इसके अलावा, एनएचपीसी को संयुक्त उद्यम और विदेशी कार्यालय स्थापित करने, नए बाजारों में प्रवेश करने और स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने की स्वतंत्रता भी प्राप्त होगी।

NHPC_Logo_PNG_File

एनएचपीसी की वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता 7144.20 मेगावाट है और कंपनी 10442.70 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के निर्माण में लगी हुई है। इनमें प्रमुख परियोजनाएं सुबनसिरी लोअर (2000 मेगावाट) और दिबांग बहुउद्देश्यीय परियोजना (2880 मेगावाट) शामिल हैं। एनएचपीसी का लक्ष्य 2032 तक 23000 मेगावाट और 2047 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करना है।

एनएचपीसी को ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलना न केवल कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय विद्युत क्षेत्र में इसके महत्वपूर्ण योगदान की मान्यता भी है। इस नए दर्जे के साथ, एनएचपीसी का भविष्य और भी उज्ज्वल प्रतीत होता है, क्योंकि यह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है।

स्रोत-(PIB)

Related Posts

Latest News

जल विद्युत क्षमता के दोहन से भारत की ऊर्जा जरूरतों को लगेगा पंख जल विद्युत क्षमता के दोहन से भारत की ऊर्जा जरूरतों को लगेगा पंख
जल विद्युत क्षमता का दोहन न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है बल्कि यह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा...
उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में 06 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
यूपी सरकार ने बिजलीकर्मियों की संभावित हड़ताल से निपटने की रणनीति बनाई
कौड़ियों के मोल बिजली विभाग की अरबों-खरबों की परिसम्पत्तियाँ बेचने की चल रही साजिश
हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पारेषण से कम होगा लाइन लॉस
2029-30 तक 1.5 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कोयला श्रमिकों के कल्याण में सुधार के लिए प्रतिबद्धता
68 हजार बिजली कर्मचारियों पर लटक रही छंटनी की तलवार
बिजली का निजीकरण कल्याणकारी राज्य के विरुद्ध - एआईपीएफ
हाइड्रो श्रेणी की स्वदेश में विकसित सतही हाइड्रोकाइनेटिक टरबाइन प्रौद्योगिकी को मान्यता