नोयडा के डीएम यथिराज सुहास ने पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर पर किया कब्ज़ा

सोनभद्र के रह चुके हैं डीएम

नोयडा के डीएम यथिराज सुहास ने पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर पर किया कब्ज़ा

नई दिल्ली,2 सितंबर 2024 – भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी यथिराज सुहास लालिनकेरे ने 2024 पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों के सिंगल्स SL4 वर्ग में रजत पदक जीतकर अपने देश का गौरव बढ़ाया है । फाइनल मुकाबले में, उन्होंने फ्रांस के लुकास मज़ूर के खिलाफ चुनौती पेश की लेकिन उन्हें 9-21, 13-21 के स्कोर के साथ हार का सामना करना पड़ा।

खेल में सफर:

सुहास का जन्म 2 जुलाई 1983 को हुआ था और वे वर्तमान में 41 वर्ष के हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहने वाले सुहास ने पैरा बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाई है। वे SL4 स्पोर्ट क्लास में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जो उन एथलीट्स के लिए है जिनके निचले अंगों में दुर्बलता होती है।

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पेरिस पैरालंपिक में प्रदर्शन:

पेरिस पैरालंपिक में सुहास का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा। उन्होंने ग्रुप प्ले स्टेज में इंडोनेशिया के हिकमत रमदानी, कोरिया के शिन क्यूंग ह्वान, और अपने ही देश के खिलाड़ी सुकांत कदम के खिलाफ जीत दर्ज की। हालांकि, फाइनल में लुकास मज़ूर के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहा, लेकिन वे गोल्ड मेडल से चूक गए।

करियर के मुख्य अंश:
  • पैरालंपिक गेम्स 2020: टोक्यो में सुहास ने सिल्वर मेडल जीता था, और वह उपलब्धि उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत करने में सहायक रही।
  • एशियन पैरा गेम्स 2022: हांग्जो, चीन में उन्होंने पुरुषों के सिंगल्स SL4 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
  • बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप 2024: पटाया, थाईलैंड में, सुहास ने अपने क्लास में गोल्ड मेडल जीता।
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व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणा:

सुहास का व्यक्तिगत जीवन भी उनके खेल करियर जितना ही प्रेरणादायक है। वह 2007 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए और 2020 में गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किए गए। उनका करियर टेक्नोलॉजी कंपनी SAP Labs में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में शुरू हुआ, लेकिन उनके पिता की मृत्यु ने उन्हें अपने IAS के सपने की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया।

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प्रेरणा और दर्शन: सुहास अपने खेल के प्रति गहरी समझ और दृढ़ता रखते हैं। उनके अनुसार, "खेल आपको अपने स्वयं पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है। यह आपको डर से उबरने में मदद करता है और आपके शरीर और मन को स्वस्थ रखता है।" वह भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण और मलेशियाई बैडमिंटन स्टार ली चोंग वेई को अपने आदर्श मानते हैं।

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पुरस्कार और सम्मान:

  • 2023 में लक्ष्मण पुरस्कार: उत्तर प्रदेश दिवस पर खेल में सफलता के लिए।
  • 2021 में अर्जुन पुरस्कार: उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए।
  • 2016 में यश भारती पुरस्कार: उत्तर प्रदेश राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान और उसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पैरा खिलाड़ी के रूप में सम्मानित।
आगे की यात्रा:

सुहास का सपना पेरिस पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतना था, और हालांकि वे इस बार रजत पदक तक ही पहुंच सके, लेकिन उनका संघर्ष और खेल के प्रति समर्पण उन्हें अगले अवसर के लिए प्रेरित करता रहेगा।

उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो खेल में आगे बढ़ना चाहते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो जीवन में किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहे हैं।

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फोटो क्रेडिट-फेसबुक 

स्रोत-olympics.com

 

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