आईजेबीबी ने नैनो मेडिकल साइंसेज में अबतक की प्रगति पर एक विशेष अंक प्रकाशित किया
नैनो चिकित्सा विज्ञान में अबतक की प्रगति (आरएएनएमएस-2022)
इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय परियोजना विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली की शोध पत्रिका इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी) ने अपने दिसंबर 2022 के विशेष अंक में "नैनो मेडिकल साइंसेज में अब तक की प्रगति (आरएएनएमएस-2022)" विषय पर एक विशेष लेख प्रकशित किया है। यह विशेष अंक डीबीटी स्टार कॉलेज के तत्वावधान में इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो मेडिकल साइंसेज (आईएनएमएस),और इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई), दिल्ली विश्वविद्यालय और किरोड़ीमल कॉलेज के सहयोग से प्रकाशित किया जा रहा है। सीएसआईआर – एनआईएससीपीआर भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित एक प्रमुख विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान है जो विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचार विषयों में 16 पत्रिकाओं को प्रकाशित करता है, और उन सभी को विज्ञान उद्धरण सूचकांक (विज्ञान का वेब), स्कोपस, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) और यूजीसी केयर जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा अनुक्रमित किया जाता है ।
जैव-रसायन, जैव भौतिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी (बायोकैमिस्ट्री, बायोफिजिक्स एंड बायोटेक्नोलॉजी) के विषय क्षेत्र में मासिक प्रीमियर पीयर-रिव्यूड रिसर्च जर्नल आईजेबीबी 1.472 के जेआईएफ अंकों के साथ सभी विषयों में सीएसआईआर– एनआईएससीपीआर जर्नल में पहले स्थान पर है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ हाल ही में पुनर्गठित संपादकीय बोर्ड के सक्षम मार्गदर्शन और सक्रिय समर्थन के साथ यह पत्रिका दुनिया भर में जैव रसायन, जैवभौतिकी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों से काफी ध्यान आकर्षित कर रही है। इस तरह के विशेष अंक न केवल पत्रिका की पहुंच में मदद करते हैं और इसके नेटवर्क का विस्तार करते हैं, बल्कि विभिन्न हितधारकों के बीच इसके प्रभाव को भी बढ़ावा देते हैं।
22-23 जून 2022 के दौरान आईएनएमएस और आईओई द्वारा आयोजित शताब्दी वर्ष सम्मेलन आरएएनएमएस-2022 के उत्पादक परिणाम के रूप में इस विशेष अंक में चिकित्सा विज्ञान से सम्बन्धित 7 समीक्षा लेखों और 3 मूल शोध पत्रों के साथ गुणवत्ता सामग्री के 97 पृष्ठों को मोटे तौर पर नैनो में प्रगति को समाहित किया गया है। इसके समीक्षा लेख संक्षेप में वैक्सीन और प्रतिरक्षा विज्ञान (इम्यूनोलॉजी) में नैनोकणों के अनुप्रयोगों और चुनौतियों ; अपराध (फोरेंसिक) विज्ञान में नैनोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण प्रदूषण में नैनोकणों द्वारा अभियन्त्रित (नैनोपार्टिकल्स और नैनो–प्रौद्योगिक हस्तक्षेप (नैनोटेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन); नैनो सामग्री (मैटेरियल्स) की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी क्षमता, क्वांटम डॉट्स का संश्लेषण इत्यादि विवरण देते हैं। मूल शोध लेख लोहे के नैनोकणों की रोगाणुरोधी गतिविधि; रजत (सिल्वर) नैनोपार्टिकल्स का जैवसंजाल (बायोफैब्रिकेशन) और परिस्थिति का इष्टतम उपयोग; और नैनो सामग्री के रूप में जिंक ऑक्साइड के अनुप्रयोग और चुनौतियाँ के बारे में चर्चा करते हैं।
इस विशेष अंक को प्रो.रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, डॉ. स्टीफन दिमित्रोव, मुख्य संपादक, आईजेबीबी के मुख्य सम्पादक डॉ. स्टीफन दिमित्रोव, डॉ. डीएन राव, कार्यकारि संपादक, आईजेबीबी के कार्यकारी सम्पादक डॉ. डीएन राव और श्री आरएस जयसोमु और डॉ. जी महेश, प्रमुख, शोध पत्रिकाएं और डॉ. एन.के. प्रसन्ना, वरिष्ठ वैज्ञानिक और वैज्ञानिक संपादक, आईजेबीबी द्वारा की गई प्रगतिशील पहल, लेखकों, समीक्षकों से योगदान और सीएसआईआर की प्रिंट प्रोडक्शन टीम द्वारा विस्तारित तकनीकी सहायता वरिष्ठ सहयोगियों के निरंतर प्रोत्साहन से ही सफलतापूर्वक प्रकाशित किया जा सका है। इस विशेष अंक को प्रकाशित करने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय परियोजना विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर– एनआईएससीपीआर),की सराहना की गई है।