35 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू की गई

35 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू की गई

नई दिल्ली: अगस्त 2019 से पहले, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 151 एमटीवाई क्षमता की 20 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाएं सफलतापूर्वक स्थापित की थीं। इसके बाद, अगस्त 2019 से सीआईएल ने 837.5 एमटीवाई क्षमता की 72 अतिरिक्त एफएमसी परियोजनाओं की पहचान की, जिनमें से 200.5 एमटीवाई क्षमता की 15 परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। आज तक कुल 35 एफएमसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा चुकी हैं, जबकि बाकी प्रक्रियाधीन हैं। इन 72 परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 27,750 करोड़ रुपये है, जिसे सीआईएल अपने संसाधनों से पूरा करेगा।

कोयला मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की तीन प्रमुख योजनाएं, जिनमें कोयला और लिग्नाइट की खोज, अनुसंधान एवं विकास, और कोयला खदानों में संरक्षण, सुरक्षा और ढांचागत विकास शामिल हैं, पर भी फोकस किया गया है। इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में क्रमशः 730 करोड़ रुपये, 21 करोड़ रुपये, और 92.5 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत के कोयला/लिग्नाइट संसाधनों का सही आकलन करना, नई अनुसंधान परियोजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना और कोयला खदानों में सुरक्षा और संरचना का विकास करना है।

इसके अलावा, सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र दोनों के लिए कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 8500 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत तीन श्रेणियों में परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें सरकारी पीएसयू, निजी क्षेत्र, और प्रदर्शन या लघु-स्तरीय परियोजनाएं शामिल हैं। श्रेणी I में 4050 करोड़ रुपये, श्रेणी II में 3850 करोड़ रुपये, और श्रेणी III में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो वीजीएफ के रूप में अधिकतम अनुदान प्रदान करेगा।

यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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