भारत-अमेरिका द्विपक्षीय बैठक: ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और एसएमआर सहयोग के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति
By Ajay bahadur
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नई दिल्ली,25 अगस्त 2024 12:49PM- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पृथ्वी भवन में आयोजित अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु वाणिज्य पर एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और स्वच्छ ऊर्जा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग पर चर्चा की गई।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
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ग्रीन हाइड्रोजन मिशन:
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को भारत की कार्बन मुक्त ऊर्जा रणनीति की आधारशिला बताया। इस मिशन का उद्देश्य भारी उद्योग, परिवहन, और बिजली उत्पादन को कार्बन मुक्त करना है।
- यह मिशन स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। भारत एक टिकाऊ और लचीले ऊर्जा भविष्य का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
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छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर):
- भारत सरकार एसएमआर की तैनाती का समर्थन कर रही है और इसके लिए विनियामक ढांचों पर विचार कर रही है।
- एसएमआर स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, ऊर्जा आत्मनिर्भरता में योगदान करेंगे, और जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे।
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वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं:
- डॉ. सिंह ने सेमीकंडक्टर, फार्मास्यूटिकल्स, और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने की साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।
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भारत की जलवायु प्रतिबद्धताएँ:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "पंचामृत" जलवायु कार्य योजना के अंतर्गत भारत ने गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने, और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
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उभरती प्रौद्योगिकियाँ:
- डेटा एनालिटिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), और मशीन लर्निंग में भारत की प्रगति पर चर्चा की गई। इन क्षेत्रों में नवाचार के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया गया।
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अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल:
- बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति के अंतर्राष्ट्रीय जलवायु नीति के वरिष्ठ सलाहकार जॉन पोडेस्टा और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के उप सचिव डेविड टर्क ने भाग लिया।
बैठक का समापन दोनों देशों द्वारा उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ। इसमें आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रौद्योगिकी प्रगति में वैश्विक नेतृत्व को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
स्रोत- PIB Delhi
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