CEA ने आयातित उपकरणों पर मांगे सुझाव

विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की पहल

CEA ने आयातित उपकरणों पर मांगे सुझाव

भारत के बिजली क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने उन महत्वपूर्ण उपकरणों और घटकों की ड्राफ्ट लिस्ट जारी की है, जिन्हें देश में अभी आयात किया जा रहा है। इस सूची पर सभी हितधारकों उद्योग संगठन, सार्वजनिक उपक्रम, उपयोगिता कंपनियाँ, उपकरण निर्माता और उपयोगकर्ता उद्योगों से सुझाव और अभिमत आमंत्रित किए गए हैं।

इस पहल का उद्देश्य है यह पहचानना कि किन प्रमुख वस्तुओं का स्थानीय स्तर पर निर्माण प्राथमिकता के साथ शुरू किया जाना चाहिए और निर्माताओं को किस तरह के सहयोग की आवश्यकता होगी ताकि वे इन आयातित वस्तुओं को देश में ही बना सकें।

आयात पर निर्भरता क्यों?
घरेलू निर्माण में चुनौतियाँ:

स्थानीय उत्पादकों की अनुपस्थिति

उत्पाद डिज़ाइन और निर्माण तकनीक की कमी

विशेष मशीनरी और कच्चे माल की अनुपलब्धता

तकनीकी अंतर और घटक सप्लाई की बाधाएं

कस्टमाइज़्ड आयातित उपकरणों की लागत में लाभ

कौन-कौन सी वस्तुएं हो रही हैं आयात?

Gas Insulated Bus Ducts (300 mm से ऊपर) के पाइप्स

245 kV से अधिक क्षमता वाले गैस-एयर बशिंग्स के होलो कोर इंसुलेटर

इलेक्ट्रॉनिक घटक जैसे IGBT, MOSFET और Thyristors

ये उपकरण मुख्य रूप से चीन, ताइवान, जर्मनी, कोरिया, तुर्की, स्पेन, फ्रांस और जापान से आयात किए जा रहे हैं।

समाधान की दिशा में उठाए जा रहे कदम

स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता व सब्सिडी

नीतिगत सुधार और घरेलू टेस्टिंग/प्रमाणन ढांचा मजबूत करना

अंतरराष्ट्रीय OEMs को भारत में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से जटिल उत्पादों का निर्माण संभव बनाना

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की ज़रूरत
Triple Layer Extruder Lines for 550 kV (टेक्नोलॉजी स्रोत: फिनलैंड, इंग्लैंड, फ्रांस आदि)

XLPE और SEMICON केबल सामग्री (66 kV - 220 kV) के लिए DOW (USA), BOREALIS (अबू धाबी), HANWHA और LG (दक्षिण कोरिया) से सहयोग की दरकार

सभी हितधारकों से अनुरोध
CEA ने सभी स्टेकहोल्डर्स से अनुरोध किया है कि वे बीते तीन वर्षों में आयात की गई वस्तुओं की लागत व मात्रा, और अंतिम उत्पाद की लागत में उनके अनुपात से संबंधित डाटा साझा करें। साथ ही यह भी बताएं कि किन मदों पर ब्याज सबवेंशन, अनुदान या सब्सिडी की आवश्यकता है।

CEA की यह पहल भारत को बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक ठोस कदम है। यह मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसी सरकारी पहलों को भी मजबूती देगा और आने वाले वर्षों में देश की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाएगा।

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