भारत की पहली सेलाइन वाटर लालटेन का शुभारम्भ

भारत की पहली सेलाइन वाटर लालटेन का शुभारम्भ

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की पहली सेलाइन वाटर लालटेन का शुभारम्भ किया, जो एलईडी लैंप को रोशन करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोड्स के बीच इलेक्ट्रोलाइट के रूप में समुद्र के पानी का उपयोग करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने तटीय अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई द्वारा संचालित और उपयोग किए जाने वाले एक तटीय अनुसंधान पोत सागर अन्वेषिका के भ्रमण के दौरान अपनी तरह की पहली“रोशनी” नाम के लानटेन का अनावरण किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेलाइन वाटर लालटेन से गरीब और वंचित लोगों विशेषकर भारत की 7,500 किमी बी तटीय रेखा से सटे इलाकों में रहने वाले मछुआरा समुदाय के लिए “जीवन सुगमता”आएगी।

एमओईएस सचिव डॉ. एम. रवि चंद्रन ने डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया कि इन तीन संयंत्रों की सफलता के आधार पर केंद्रीयगृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के माध्यम से अमीनी, एंड्रोट, चेतलात, कड़मठ, कलपेनी और किल्तान में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता वाले 6 अतिरिक्त एलटीटीडी संयंत्रों की स्थापना का काम सौंपा है। एलटीटीडी प्रौद्योगिकी लक्षद्वीप आइलैंड्स के लिए खासी अनुकूल पाई गई है, जहां समुद्र की सतह के पानी और गहरे समुद्र के पानी के बीच तापमान में लगभग 15 डिग्री सी का आवश्यक अंतर लक्षद्वीप तटों के आसपास के क्षेत्र में पाया जाता है।

डिसैलिनेशन संयंत्र की लागत कई फैक्टरों पर निर्भर करती है, जिसमें संयंत्र में उपयोग की गई प्रौद्योगिकी और स्थान शामिल हैं। लक्षद्वीप आइलैंड में छह एलटीटीडी संयंत्रों की कुल लागत 187.75 करोड़ रुपये है।

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