एक कुम्हार के लिए सरकार को बनाना पड़ा मानक
By संजय यादव
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नई दिल्ली-भारत सरकार को गुजरात के एक कुम्हार के लिए नया मानक ही बनाना पड़ा है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 'मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट' के लिए एक भारतीय मानक विकसित किया है। यह मानक 6 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करता है। दरअसल मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर का निर्माण गुजरात के मनसुख भाई प्रजापति ने किया है। भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय यानी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 'मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट' के लिए एक भारतीय मानक-आईएस 17693: 2022 विकसित किया है।इसका नाम 'मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर' रखा गया है। यह एक पर्यावरण अनुकूल तकनीक प्रस्तुत करता है।बीआईएस मानक, मिट्टी से बने कूलिंग कैबिनेट के निर्माण और प्रदर्शन संबंधी जरूरतों को निर्दिष्ट करता है, जो वाष्पशील शीतलन के सिद्धांत पर संचालित होता है। इन कैबिनेटों का उपयोग बिना विद्युत के खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को भंडारित करने के लिए किया जा सकता है।
मनसुख भाई का अविष्कार
मनसुख भाई का अविष्कार मिट्टी निर्मित प्राकृतिक रेफ्रिजरेटर है, जो मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और दूध को भंडारित करने एवं जल को ठंडा करने के लिए बनाया गया है। यह बिना किसी विद्युत की जरूरत के भंडारित खाद्य पदार्थों को प्राकृतिक शीतलता प्रदान करता है। इसमें फलों, सब्जियों और दूध को उनकी गुणवत्ता को खराब किए बिना सही तरीक से ताजा रखा जा सकता है।
2017 में हुआ था प्रदर्शन
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) की साझेदारी में राष्ट्रपति भवन (2017) में आयोजित इनोवेशन स्कॉलर्स इन-रेसिडेंस प्रोग्राम के चौथे बैच में 'मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर' का प्रदर्शन किया गया था।
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