सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर ने 22 भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार पर की चर्चा

सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर ने 22 भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार पर की चर्चा

स्वागत भाषण देते हुए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर) के मुख्य वैज्ञानिक हसन जावेद खान

नई दिल्ली,13 जनवरी 2023-वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद -राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली में 10 जनवरी 2023 को सभी 22 भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार प्रयासों पर राष्ट्रीय स्तर की विचार-मंथन बैठक का आयोजन किया। यह बैठक हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी।

इस विचार मंथन बैठक की शुरुआत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) के मुख्य वैज्ञानिक श्री हसन जावेद खान के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बैठक में सम्मिलित होने के लिए सभी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और अन्य संगठनों द्वारा किए जा रहे विज्ञान संचार के विभिन्न प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने अछूती भाषाओं, दूर-दराज के क्षेत्रों, अनछुए विषयों और विज्ञान के प्रसार के लिए संचार माध्यमों में विज्ञान संचार के महत्व को भी संबोधित किया और कहा कि अभी भी हमें बहुत आगे जाना है।

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विचार मंथन बैठक में भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए

इसके बाद सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में वैज्ञानिक डॉ. मनीष मोहन गोरे ने विचार- मंथन बैठक की कार्य सूची और रूपरेखा प्रस्तुत की। डॉ. गोरे सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के लिए भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार पर केंद्रित परियोजना के प्रधान अन्वेषक भी हैं। उन्होंने संबंधित भाषाओं में विज्ञान के संचार की स्थिति, उपलब्धियों, चुनौतियों और संभावित समाधानों पर चर्चा की। भारतीय भाषाओं में लोकप्रिय विज्ञान साहित्य के विकास की रूपरेखा पर भी उनके द्वारा चर्चा की गई, विशेषकर उन भाषाओं में जिनमें तुलनात्मक रूप से कम साहित्य उपलब्ध है।

इस विचार मंथन बैठक में सभी 22 भारतीय भाषाओं (असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संताली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू)  के संचार विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था  जिन्होंने परस्पर चर्चा करने के बाद इन भाषाओं में विज्ञान संचार और लोकप्रिय विज्ञान साहित्य के विकास के लिए प्रशंसा, प्रोत्साहन और प्रोत्साहन की योजनाओं का सुझाव दिया। ये 22 आधिकारिक भाषाएँ भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध हैं।

यह बैठक सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की उस परियोजना का एक हिस्सा थी, जो भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार के विश्लेषण पर केंद्रित है। बैठक का एजेंडा लोकप्रिय विज्ञान साहित्य और सभी आधिकारिक भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार के लिए समकालीन प्रमुख चुनौतियों के साथ-साथ विज्ञान संचार में प्रयासों और योगदान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए विभिन्न भाषाओं के विज्ञान संचार विशेषज्ञों को एक साथ लाना था। बैठक के परिणाम के रूप में कई बहुमूल्य अनुशंसाएं प्राप्त हुईं।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में वैज्ञानिक डॉ. परमानंद बर्मन ने आमंत्रित विशेषज्ञों के बीच चर्चा के लिए एक खुले सत्र का संचालन किया। बैठक के अंत में डॉ. मेहर वान, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने विशेषज्ञों और सभी संबंधितों के लिए धन्यवाद ज्ञापन पढ़ा। इस विचार मंथन बैठक में परियोजना कर्मचारी सुश्री नियति सिंह एवं श्री मोहब्बत सिंह भी उपस्थित थे।

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