भारत का सौर ऊर्जा विस्तार: जुलाई 2024 तक 87,208 मेगावाट स्थापित
89.36% नवीकरणीय ऊर्जा में योगदान
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024: भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। जुलाई 2024 तक, देश की स्थापित सौर पीवी क्षमता 87,207.97 मेगावाट तक पहुँच गई है, जो इसके नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र का आधे से अधिक हिस्सा है। इस वृद्धि का मुख्य कारण फोटोवोल्टिक (पीवी) तकनीक में आई लागत में कमी और इसमें हुई प्रगति है।
महत्वपूर्ण आंकड़े और विकास
- सौर पीवी क्षमता: 87,207.97 मेगावाट
- जुलाई 2024 में जोड़ी गई क्षमता: 2.191 गीगावाट
- कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापना (बड़े हाइड्रो को छोड़कर): 150.276 गीगावाट
- सौर और पवन ऊर्जा का योगदान: 134.283 गीगावाट (89.36% नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा)
भारत में कुल नवीकरणीय क्षमता अब 150.276 गीगावाट है, जिसमें से सौर और पवन ऊर्जा का योगदान लगभग 134.283 गीगावाट है। यह आंकड़े भारत की सौर ऊर्जा में प्रगति और इसके वैश्विक नेतृत्व को दर्शाते हैं।
प्रमुख पहलें और नवाचार
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 1 अप्रैल 2024 से सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल (एएलएमएम) के स्वीकृत मॉडल और निर्माताओं के आदेश की बहाली की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य सरकारी प्रायोजित परियोजनाओं में उच्च गुणवत्ता वाले और विश्वसनीय सौर प्रतिष्ठानों को सुनिश्चित करना है।
विकेंद्रीकृत बिजली उत्पादन और ग्रामीण विकास
ग्राउंड-माउंटेड सोलर इंस्टॉलेशन में 67.52 गीगावाट की क्षमता है, जबकि हाइब्रिड सोलर घटकों से 2.59 गीगावाट का योगदान आता है। छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जिसकी कुल क्षमता अब 13.40 गीगावाट है। ये संयंत्र आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक छतों पर स्थापित किए गए हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का समर्थन भी कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में, सौर ऊर्जा का योगदान अत्यधिक परिवर्तनकारी साबित हो रहा है। सौर लालटेन और माइक्रोग्रिड जैसे ऑफ-ग्रिड समाधान 3.70 गीगावाट की ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं, जो दूरदराज के समुदायों को बिजली आपूर्ति करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
भारत की सौर ऊर्जा सफलता को सरकारी पहलों, तकनीकी प्रगति और नवीकरणीय ऊर्जा के लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता का श्रेय दिया जाता है। देश की कुल नवीकरणीय स्थापित क्षमता का 58.03% से अधिक सौर ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जिससे भारत स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में एक वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है।