आदिवासी विधायक संजीव गोड़ बने दूसरी बार मंत्री 

आदिवासी विधायक संजीव गोड़ बने दूसरी बार मंत्री 

 

वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश में बनी ओबरा विधानसभा सीट से 2017 और 2022 में रिकार्ड मतों से जीते आदिवासी नेता संजीव कुमार उर्फ़ संजय सिंह गोड को प्रदेश कैबिनेट में पुनः राज्य मंत्री बनाया गया है। दो बार मंत्री बनने वाले आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र जनपद के वे पहले नेता होंगे। वर्ष 2017 में पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुयी ओबरा विधानसभा सीट से उन्होंने रिकार्ड मतो से चुनाव जीता था। 2017 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने वाले संजीव ने 78058 मत पाकर निकटतम सपा प्रत्याशी को 44000 मतों के भारी अंतर से हराया था । 2022 में  78243 मत पाकर लगातार दूसरी बार ओबरा से विधायक बने।तगड़ी जीत के साथ ही उन्हें पुनः मंत्री बनाये जाने की चर्चा हो रही थी।शुक्रवार दोपहर को योगी आदित्यनाथ के यहां से आये बुलावे के साथ ही उनका पुनः मंत्री बनना तय हो गया था।पिछले वर्ष भी योगी सरकार के अंतिम छमाही में नए मंत्रिमंडल विस्तार में संजीव गोड़ को जगह मिली थी।तब पार्टी के अंदुरुनी सर्वे में संजीव गोड़ का पिछले चार साल का कार्यकाल उनके लिए मुफीद साबित हुआ था। सदन में मौजूदगी,विधायक निधि के खर्च में अव्वल रहने सहित अनुसूचित जनजाति का होना उनके पक्ष में गया था। उनके पुनः मंत्री बनाये जाने पर प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले सोनभद्र जनपद में भाजपा की पैठ और मजबूत होगी।2 copy

 सेवा समर्पण संस्थान डाला से जुड़कर समाजसेवा का कार्य करने वाले श्री गोड़ 2016 में जुगैल से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके हैं साथ ही पत्नी को 2010 में ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुंडी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा चुके हैं। वर्ष 2017 में वे सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2008 से उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। मंत्री पद की शपथ लेते ही ओबरा विधानसभा क्षेत्र में मिठाइयां बंटने लगी। आदिवासी बाहुल्य रेणुकापार क्षेत्र में भी भारी ख़ुशी देखी गयी। 

 

जीवन परिचय
चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुंडी के ग्राम बाड़ी निवासी संजीव के पिता स्व.राम लखन गौड़ एक सामान्य किसान थे। संजीव ने ओबरा पीजी कालेज से स्नातक की पढ़ाई की है। उनकी पत्नी लीला देवी वर्तमान में चोपन ब्लॉक प्रमुख हैं। कुल चार भाइयों में दूसरे नंबर के संजीव के तीन बेटे हैं।

 

 

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